सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से चुनाव से बाहर हुए पार्टी प्रत्याशी, फिर निर्दलीय मुहीउद्दीन अंसारी को मिला पार्टी का समर्थन
एम हसीन
मंगलौर। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एक बार फिर हुए बदलाव ने कांग्रेस प्रत्याशी चौधरी इस्लाम को एक बार फिर चुनावी मैदान से बाहर कर दिया है। मतदान की ऐन संध्या पर आए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी मोहिउद्दीन अंसारी को भी जनता तक पहुंचने में समस्या आ रही है। प्रचार की अवधि समाप्त हो चुकी है और प्रचार का केवल व्यक्तिगत संपर्क उनके पास माध्यम है। यह अलग बात है कि घर-घर तक उनकी पहुंच बनाने के लिए कांग्रेस का पूरा तंत्र का एकाएक सक्रिय हो गया है। लेकिन इन परिस्थितियों का अंतिम परिणाम क्या होगा, मतदान पर इसका कितना प्रभाव पड़ेगा, यह देखने वाली बात है।
गौरतलब है कि यहां कांग्रेस प्रत्याशी बनाए गए चौधरी इस्लाम का पर्चा रिटर्निंग ऑफिसर ने निरस्त कर दिया था। इसे चौधरी इस्लाम ने हाइकोर्ट में चुनौती दी थी लेकिन हाइकोर्ट ने उनकी याचिका को निरस्त कर दिया था। इससे निराश कांग्रेस ने एक ओर अपना समर्थन एक निर्दलीय प्रत्याशी मुहीउद्दीन अंसारी के पक्ष में घोषित कर दिया था, दूसरी ओर रिवीजन बेंच ने चौधरी इस्लाम की याचिका को स्वीकार करते हुए उनके खिलाफ दिए गए रिटर्निंग ऑफिसर के निर्णय पर स्टे लगा दिया था। इससे चौधरी इस्लाम का पर्चा बहाल हो गया था और वे फिर कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में आ गए थे। लेकिन वे अब फिर मैदान से बाहर हो गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उनके पक्ष में हाइकोर्ट द्वारा दिए गए स्टे पर लगा दिया है।
ध्यान रहे कि राज्य निर्वाचन आयोग हाइकोर्ट के स्टे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था। सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग की अपील को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया था और आज हाइकोर्ट द्वारा जारी किए गए स्टे पर फिर स्टे लगा दिया। यह डेवलेपमेंट ऐन मतदान की पूर्व संध्या पर आया है। मतदान कल 23 जनवरी को होना है और आज 22 जनवरी को आए स्टे ने चौधरी इस्लाम को चुनावी मैदान से बाहर कर दिया है। इस मुश्किल का हल एक बार फिर कांग्रेस ने निर्दलीय मुहीउद्दीन अंसारी की उम्मीदवारी में निकाला है। लेकिन पार्टी और प्रत्याशी दोनों के पास समय की इतनी कमी है कि उनके लिए मतदाता तक पहुंच बनाना और उसे नई प्रगति से अवगत कराकर उसे अपने पक्ष में मतदान के लिए तैयार करना एक चुनौती बन गई है। सबसे बड़ी समस्या मतदाता को यह विश्वास दिलाना है कि अब कांग्रेस प्रत्याशी का चुनाव निशान अलमारी है। बहरहाल, जैसा कि बताया गया है कि पार्टी ने अपने तंत्र को सक्रिय कर दिया है और हर कार्यकर्ता को मतदाता के साथ व्यक्तिगत संपर्क करने की जिम्मेदारी सौंप कर उसे मैदान में उतार दिया है। सोशल मीडिया के माध्यम से भी यह बदलाव जनता तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए विधायक क़ाज़ी निज़ामुद्दीन से लेकर चौधरी इस्लाम तक सभी लगे हुए हैं।