मंगलौर उप चुनाव में आया नया चटख रंग
एम हसीन
मंगलौर। मतदान से ऐन पूर्व बसपा प्रत्याशी उबेदुर्रहमान अंसारी उर्फ मोंटी के पक्ष में बसपा के ही लक्सर विधायक व जिले के सबसे प्रभावशाली नेताओं में एक हाजी शहजाद की एंट्री ने चुनाव में नया चटख रंग बिखेर दिया है। इससे न केवल बसपा प्रत्याशी के खेमे में उत्साह का माहौल है बल्कि भाजपा कांग्रेस प्रत्याशियों के माथे पर चिंता की रेखाएं भी हैं। मंगलौर उप चुनाव में हुई इस एक प्रगति ने चुनाव को 2022 के मॉडल पर लाकर खड़ा कर दिया है।
गौरतलब है कि मंगलौर सीट पर बसपा डिफेंडिंग पार्टी है। 2022 में यहां पार्टी के हाजी सरवत करीम अंसारी विजई हुए थे और उनके देहावसान के कारण ही यह उप चुनाव हो रहा है। हालांकि अभी तक भी मोंटी पूरी ताकत से चुनाव लड़ रहे थे लेकिन उनके अभियान में हाजी शहजाद की कमी साफ दिख रही थी। हाजी शहजाद बसपा के विधायक और सबसे ज्यादा प्रभावशाली नेता ही नहीं बल्कि सुलझे हुए सियासतदान भी हैं। वे तीसरी बार विधायक हैं और चुनाव लड़ने के तौर तरीके जानते समझते हैं। मंगलौर विधानसभा सीट पर उनके सजातीय तेली मतों की संख्या करीब 10 हजार है लेकिन यहां के करीब 25 हजार दलित मतों पर भी उनका अलग प्रभाव है। उनका आवास मंगलौर विधानसभा क्षेत्र में ही स्थित है। उनकी सक्रियता के बाद उन तमाम लोगों को राजनीति की एक नई दिशा मिल गई है जो कांग्रेस भाजपा को वोट देना नहीं चाहते थे और बसपा उन्हें कमज़ोर नजर आ रही थी। चूंकि बसपा इस सीट को जीतकर यहां से पूरे देश को अपनी मजबूती का संदेश देना चाहती है इसलिए हाजी शहजाद की सक्रियता ने बसपा के कैडर को भी नई ऊर्जा से भर दिया है। उनके चुनाव में खुलकर आने से बसपा प्रत्याशी के चुनाव को नई मजबूती मिलना तय है।