अभी तक सामाजिक चेहरे के रूप में रही है पहचान

एम हसीन

ढंढेरा। इस नगर पंचायत के अध्यक्ष पद पर बतौर निर्दलीय मैदान में आए एडवोकेट राव तजम्मुल खां के चुनाव अभियान को लेकर अभी से कुछ कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन इतना जरूर कहा जा सकता है कि राव तजम्मुल खां यहां चुनाव लड़ रहे सभी प्रत्याशियों में सबसे युवा, सबसे शार्प और सबसे ज्यादा महत्वकांक्षी प्रत्याशी हैं। यह एक उल्लेखनीय बात है कि यह उनकी फर्स्ट पॉलिटिकल एंट्री हुई है। हाल तक उन्हें सामान्य लेकिन सामाजिक चेहरे के रूप में देखा जाता था। चुनाव में उनका नामांकन कहीं न कहीं इस बात का इशारा दे रहा है कि उन्हें नेतृत्व सौंपा नहीं जा रहा है बल्कि वे नेतृत्व हासिल करने का संघर्ष कर रहे हैं।

जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि राव तजम्मुल खां युवा प्रत्याशी हैं। वे ढंढेरा के अपेक्षाकृत प्रतिष्ठित राजपूत परिवार से आते हैं और राजनीति उनके परिवार में पहले से होती आई है। उनके चचेरे बड़े भाई हाजी राव मुन्ना खां कांग्रेस की सक्रिय राजनीति करते रहे हैं जबकि उनके सगे बड़े भाई राव नौ बाहर अली जिला पंचायत सदस्य रहने के अलावा बसपा और कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय रहे हैं। एक दौर में राव नौ बाहर अली ने रुड़की विधानसभा सीट पर बसपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने की संभावनाओं पर भी गौर किया था।

फिलहाल भी वे सक्रिय राजनीति में हैं और मंगलौर विधायक क़ाज़ी निज़ामुद्दीन के साथ सक्रिय हैं। इस कड़ी में एक नाम राव आरिफ खां का भी है जो कि राव तजम्मुल खां के चचेरे बड़े भाई हैं। फिलहाल जारी नगर पंचायत चुनाव में हाजी राव मुन्ना खां यहां कांग्रेस टिकट के दावेदार थे। लेकिन टिकट उन्हें नहीं मिला। इससे अस्तिष्ट होकर उन्होंने बतौर निर्दलीय पर्चा दाखिल किया जो कि तकनीक ग्राउंड पर खारिज हो गया। यह पर्चा खारिज होने के बाद ही यह राज खुला था कि राव तजम्मुल खां ने भी नामांकन किया हुआ था। राव तजम्मुल खां कितने शार्प हैं इसका अनुमान इसी बात से हो जाता है कि उन्होंने अपनी महत्वकांक्षा को तब तक हवा नहीं दी जब तक हाजी राव मुन्ना खां का नामांकन कायम रहा। इससे परिवार को, परिवार के अग्रजों को सम्मान देने की उनकी भावना का भी सार्वजनिकीकरण होता है और इस बात का भी नेतृत्व हासिल करने के मामले में उन्हें कदम आगे बढ़ाने से गुरेज नहीं है। अब वे खुलकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं। अभी प्रचार शुरू हुआ है और मतदान में अभी दो सप्ताह का समय बाकी है। मतदान दिवस तक उनका अभियान या उनका समीकरण या क्षेत्र की राजनीति क्या रूप धारण करेगी यह कहना अभी मुमकिन नहीं; लेकिन इतना तय है कि राव तजम्मुल खां अब सक्रिय राजनीति का चेहरा बनकर रहेंगे।