कांग्रेस के भीतरी समीकरणों पर बसपा की नजर
एम हसीन
पीरान कलियर। पिछली बार महज 160 वोटों से पिछड़े पूर्व प्रधान कलियर सलीम अहमद इस बार जीत के लिए चुनाव लड़ना चाहते हैं। लक्ष्य जब साफ है तो जाहिर है कि तैयारी भी वैसी ही है। लक्सर विधायक हाजी मुहम्मद शहजाद का पूरा आशीर्वाद है और उनके छोटे भाई पूर्व जिला पंचायत सदस्य अब्दुल सत्तार का पूरा सहयोग। इस बार तो बात और आगे बढ़ी हुई है। विधायक पुत्र अफजल शहजाद युवा होने के नाते अभियान को एक नई गति देने की तैयारी में हैं।
गौरतलब है कि सलीम अहमद लक्सर के बसपा विधायक हाजी मुहम्मद शहजाद के रिश्तेदार हैं। इस कैंप से वे अकेले दावेदार हैं। इसके विपरीत कांग्रेस में टिकट के दावेदार तीन हैं। निवर्तमान नगर पंचायत अध्यक्ष शफ़क़्क़त अली को हालांकि इस बार स्थानीय कांग्रेस विधायक हाजी फुरकान अहमद का विश्वास प्राप्त नहीं माना जा रहा है। लेकिन उन्होंने कांग्रेस टिकट पर दावा तो ठोका ही है। इसी क्रम में हाजी फुरकान अहमद के दो विश्वास पात्रों पूर्व प्रधान अकरम अली और पूर्व सभासद नाजिम त्यागी ने समान रूप से कांग्रेस टिकट पर दावा किया है। फिर भी यह तो तय हो ही गया है कि हाजी फुरकान अहमद किसी एक को ही टिकट दे पाएंगे। ऐसे में जिन्हें टिकट नहीं मिलेंगे उनकी क्या स्थिति रहेगी यह देखने वाली बात होगी। लेकिन जाहिर है कि इस स्थिति पर सलीम अहमद और उनके चुनाव प्रबंधकों की गहरी नजर है।
जैसा कि सब जानते हैं कि इस नगर पंचायत में कलियर सबसे बड़ी आबादी वाला क्षेत्र है जहां के जितने वोट हैं उतने बाकी सारे नगर पंचायत क्षेत्र के हैं। पिछली बार सलीम अहमद महज 160 वोटों से पराजित हुए थे। यह तब की बात है जब उन्हीं के गृह क्षेत्र के राशिद कुरैशी भी मैदान में थे जो कि करीब 1200 वोट ले गए थे और यूं सलीम अहमद की हार हुई थी। इस बार भी उन्हीं के क्षेत्र का उल्लेखनीय चेहरा निवर्तमान सभासद नाजिम त्यागी मैदान में आ सकते हैं। नाजिम त्यागी के अलावा कलियर क्षेत्र से ही प्रत्याशी और भी आ सकते हैं। इसका सलीम अहमद के चुनाव पर कितना फर्क पड़ेगा यह देखने वाली बात होगी। बहरहाल, सलीम अहमद के अभियान की अगुवाई पिछली बार अब्दुल सत्तार ने की थी जो कि इस बार फिर अभियान की कमान थामने को तैयार हैं। साथ ही इस बार अफजल शहजाद भी उनके सहयोग को सक्रिय हैं। इसका उन्हें कितना लाभ मिलेगा यह देखने वाली बात होगी।