कस्बे में नगर पालिका अध्यक्ष पद का चुनाव का मामला

एम हसीन

मंगलौर। आसन्न निकाय चुनाव के तहत मंगलौर नगर पालिका अध्यक्ष पद पर मुहिउद्दीन अंसारी की उम्मीदवारी के सबब उनके समर्थकों का उत्साह आसमान छू रहा है। सोशल मीडिया पर मुहिउद्दीन अंसारी के समर्थक जमकर उनका उत्साह बढ़ा रहे हैं। संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि मुहिउद्दीन अंसारी का चुनाव जीतना निश्चित है।

मंगलौर में नगर पालिका अध्यक्ष पद के जो अंसारी दावेदार हैं उनमें एक मुहिउद्दीन अंसारी भी हैं। वे हाल के उप चुनाव में बसपा प्रत्याशी रहे उबेदुर्रहमान अंसारी उर्फ मोंटी की टीम का हिस्सा थे। लेकिन तब भी नगर के मतदाता तक उनकी यह मंशा साफ थी कि वे निकाय चुनाव खुद लड़ेंगे। उप चुनाव में मोंटी निर्णायक प्रदर्शन नहीं कर पाए लेकिन यह भी सच है कि नगर में उन्हें मिला समर्थन किसी की हिम्मत तोड़ने वाला भी नहीं है। मोंटी अपने वालिद हाजी सरवत करीम अंसारी के वारिस के रूप में मैदान में आए थे। चुनाव परिणाम ने बताया को मोंटी को अपनी विरासत अभी साबित करना पड़ेगी। उन्हें बिरादरी ही नहीं बल्कि अन्य मतदाताओं के बीच भी अभी संघर्ष करना पड़ेगा। ऐसा ही संघर्ष अभी मुहीउद्दीन अंसारी को भी करना है। बेशक मुहिउद्दीन अंसारी को भी करना है। बेशक उनकी बुनियाद में भी कहीं न कहीं विरासत का मामला है और यह आकांक्षा है कि जो उनके पिता हासिल नहीं कर पाए, जो उनके चाचा हासिल नहीं कर पाए उस सम्मान को वे हासिल करें।

सनद रहे कि मुहिउद्दीन अंसारी के पिता मीर हसन अंसारी एक बार, 2008 में, कांग्रेस से बगावत करके, नगर पालिका अध्यक्ष पद का चुनाव लड़े थे। तब कांग्रेस ने शिया समुदाय के खलील अहमद को अपना प्रत्याशी बनाया था जबकि बसपा के टिकट पर तब डा शमशाद ने अपनी माता को चुनाव लड़ाया था। तब भाजपा ने कलीम अंसारी को अपना प्रत्याशी बनाया था। यह तब की बात है जब अभी मंगलौर में हाजी सरवत करीम अंसारी अपनी बिरादरी के सर्व मान्य नेता नहीं बने थे। तब चेयरमैन अख्तर अंसारी के पुत्र कलीम अंसारी अपने पिता के राजनीतिक वारिस होने का संघर्ष कर रहे थे। तब वे भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे और बेहद शानदार प्रदर्शन करने के बावजूद हार गए थे। उनकी हार में तब एक बड़ा कारण मीर हसन अंसारी की निर्दलीय उम्मीदवारी भी रही थी। साथ तत्कालीन चेयरमैन नफीस अंसारी की निर्दलीय उम्मीदवारी ने भी अंसारी फैक्टर को खत्म कर दिया था। साथ ही यहां कांग्रेस फैक्टर भी जीरो साबित हुआ था। दरअसल तब के स्थानीय कांग्रेसी चेहरे हाजी सरवत करीम अंसारी ने भी कांग्रेस प्रत्याशी को चुनाव लड़ाने में कोई रुचि नहीं ली थी।

बहरहाल अब मुहिउद्दीन अंसारी अपने नगर पालिका अध्यक्ष पद के उम्मीदवार होने की घोषणा कर चुके हैं और उनकी इस घोषणा को उनके अनेक समर्थक स्वीकार कर चुके हैं। समर्थक उनका हौसला बढ़ा रहे हैं और उनका उत्साह फिलहाल सोशल मीडिया पर देखा जा सकता है। अब यह समय के गर्भ में है कि उबेदुर्रहमान अंसारी उर्फ मोंटी हाल के उपचुनाव में अपने समर्थक रहे मुहिउद्दीन अंसारी की उम्मीदवारी को सपोर्ट करते हुए उन्हें बसपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ाते हैं या नहीं।