2022 में कर चुके हैं यहां पिता के लिए कामयाब मैनेजमेंट, 2025 में कलियर नगर पंचायत चुनाव में भी बिछाई थी कामयाब बिसात
एम हसीन
रुड़की। चुनावी आहट शुरू होते ही अफ़ज़ल शहज़ाद ने अपने पिता के चुनाव क्षेत्र में कमियों-खामियों को दुरुस्त करना शुरू कर दिया है। वैसे वे कलियर में आरा मशीन का कारोबार करते हैं लेकिन इन दिनों उनका ज्यादा समय लक्सर में गुजर रहा है। वहां उन्होंने उन बिंदुओं पर काम करना शुरू कर दिया है जहां उन्हें लगता है कि अगले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ध्यान दिए जाने की ज़रूरत है। कोई बड़ी बात नहीं कि वे वहां नए समीकरण विकसित कर रहे हैं, नए रिश्ते कायम कर रहे हैं और अपने लिए अभी तक अछूती रही रणनीतियों का ताना-बाना बुन रहे हैं।
गौरतलब है कि अफ़ज़ल शहज़ाद लक्सर विधायक हाजी शहज़ाद के पुत्र हैं। उनका सीधे तौर पर राजनीति से कोई सरोकार नहीं है, क्योंकि फिलहाल तक वे किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में राजनीतिक चेहरा नहीं हैं। लेकिन वे राजनीति से न तो अनजान हैं और न ही विमुख। सच बात तो यह है कि चुनावी राजनीति में उनकी भरपूर सक्रियता है बस अंतर केवल इतना है कि पर्दे के पीछे से है। वैसे उन्होंने अपने पिता का सहयोग 2017 के चुनाव से पहले ही करना शुरू कर दिया था। लेकिन 2022 के लक्सर विधानसभा चुनाव में उनका भरपूर हस्तक्षेप दिखाई दिया था। तब उन्होंने ही अपने पिता के लिए लक्सर विधानसभा क्षेत्र का अध्ययन किया था और वहां हाजी शहज़ाद के लिए संभावनाओं पर गौर किया था। जहां कमी थी वहां संभावना घड़ी थी और फिर अपने पिता को लक्सर में बसपा टिकट लेने के लिए तैयार किया था।
बसपा सुप्रीमो मायावती से टिकट को लेकर होने वाली चर्चाओं को हालांकि हाजी शहज़ाद ने खुद अंजाम दिया था, उच्च स्तर पर राजनीति के जो संपर्क बनाए गए थे, जो सूत्र विकसित किए गए थे और समर्थन का जो आदान-प्रदान किया गया था वह खुद हाजी शहज़ाद ने ही किया था, लेकिन ग्रास रूट पर जो कुछ हुआ था वह अफ़ज़ल शहज़ाद ने किया था। कोई बड़ी बात नहीं कि उनकी महीनों की मुतवातर कोशिशों के बाद जब हाजी शहज़ाद ने लक्सर सीट जीत ली थी तो उनका रुतबा परिवार से।लेकर समाज तक में बुलंद हुआ था।
इसके बाद उन्हें अपनी क्षमता दिखाने का मौका मिला था 2025 के कलियर नगर पंचायत चुनाव में। यहां उनकी फूफी बसपा प्रत्याशी के रूप में मैदान में आई थी और अफ़ज़ल शहज़ाद ने उनके चुनावी अभियान में अपनी भूमिका अदा की थी। हालांकि इस चुनाव को ओवर ऑल उन्होंने कंट्रोल नहीं किया था। इसके विपरीत उन्होंने चुनाव क्षेत्र के एक हिस्से को प्रत्याशी के लिए उर्वरा बनाया था और यह संतोष प्राप्त किया था कि उनके कार्यक्षेत्र में प्रत्याशी का प्रदर्शन शानदार रहा था। इन दो चुनावों में मैनेजमेंट के स्तर पर बेहतरीन नतीजे देने के कारण स्वाभाविक रूप से अफ़ज़ल शहज़ाद के हौसले बुलंद हैं और लक्सर क्षेत्र में उनके प्रबंध कौशल की जरूरत महसूस की जा रही है। फिलहाल लक्सर में उनकी प्राथमिकताएं क्या हैं, उनकी उपलब्धियां क्या हैं और उनकी स्थितियां क्या हैं, जाहिर है कि इस पर कोई प्रकाश वे ही डाल सकते हैं। “परम नागरिक” प्रयास करेगा कि उनसे संबंधित अगली स्टोरी उनसे सवाल-जवाब के आधार पर ही हो।
