मानवता के उत्थान में चिकित्सकों की अहम भूमिका : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री

संवाद सहयोगी

ऋषिकेश। ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) के 5वें दीक्षांत समारोह के बीच आज एमबीबीएस, डीएम, एमएससी नर्सिंग, बीएससी नर्सिंग और बीएससी संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान कार्यक्रमों के 10 मेडिकल छात्रों को स्वर्ण पदक और डिग्री प्रदान की। दीक्षांत समारोह में कुल 434 छात्रों को डिग्री दी गई, जिनमें 98 एमबीबीएस छात्र, 95 बीएससी (ऑनर्स) नर्सिंग छात्र, 54 बीएससी संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान छात्र, 109 एमडी, एमएस, एमडीएस छात्र, 17 एमएससी नर्सिंग छात्र, 1 एमएससी मेडिकल संबद्ध छात्र, 12 मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ छात्र, 40 डीएम, एमसीएच छात्र और 8 पीएचडी छात्र शामिल थे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने की और समारोह में राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी; स्वास्थ्य और शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत; लोकसभा सांसद अजय भट्ट, श्री अजय टम्टा और त्रिवेंद्र सिंह रावत के अलावा विधानसभा स्पीकर श्रीमती रितु खंडूरी भूषण उपस्थित रहे।

अपने संबोधन में जेपी नड्डा ने कहा कि “दीक्षांत समारोह एक विशेष अवसर है जो छात्रों की उपलब्धियों को मान्यता देता है।” उन्होंने कहा कि देश के प्रत्येक गरीब व्यक्ति को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना केंद्र सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने देश भर के एम्स संस्थानों की चिकित्सा शिक्षा और सेवाओं में उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए कहा कि “इस सदी की शुरुआत तक, भारत में केवल एक एम्स था, वहीं आज, देश में 22 एम्स संचालित हो रहे हैं।” उन्होंने कहा कि एम्स ऋषिकेश ने अपनी उत्कृष्ट सेवाओं के कारण स्वास्थ्य संस्थानों के बीच एक अद्वितीय पहचान बनाई है।उन्होंने नागरिकों के लिए विश्व-स्तरीय स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा, “सरकार ऐसी स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने पर केंद्रित है जो न केवल उपचारात्मक हो बल्कि निवारक, उपशामक और पुनर्वासिक भी हो।”

इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पिछले एक दशक में भारत के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में आयुष्मान भारत जैसे कार्यक्रमों की शुरुआत और नए एम्स तथा मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के साथ उल्लेखनीय प्रगति हुई है। उन्होंने कहा कि एम्स ऋषिकेश पूरे राज्य के लोगों को गुणवत्तापूर्ण और किफायती स्वास्थ्य सेवाएं और सुविधाएं प्रदान कर रहा है। उन्होंने बताया कि यह संस्थान मरीजों को रोबोटिक सर्जरी, न्यूरो सर्जरी और रेडिएशन थेरेपी जैसे उन्नत चिकित्सा उपचार प्रदान कर रहा है। उन्होंने एम्स ऋषिकेश में हेली-एम्बुलेंस सेवाओं के उद्घाटन पर भी प्रकाश डाला।श्री धामी ने यह भी उजागर किया कि आज उत्तराखंड में 5,000 से अधिक ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त हैं। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य के प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने और राज्य में जन औषधि केंद्रों के नेटवर्क का विस्तार करने के लिए काम कर रही है।

इस आयोजन में एम्स ऋषिकेश के अध्यक्ष, प्रो. समीरन नंदी; कार्यकारी निदेशक, प्रो. मीनू सिंह; डीन एकेडमिक्स, प्रो. जया चतुर्वेदी; चिकित्सा अधीक्षक, प्रो. बी. सत्य श्री; उप निदेशक (प्रशासन), कर्नल राजीव सेन रॉय; डीन परीक्षा, प्रो. प्रशांत पाटिल; वित्तीय सलाहकार, लेफ्टिनेंट कर्नल एस. सिद्धार्थ; आयोजन समिति की अध्यक्ष, प्रो. लतिका मोहन; विभिन्न विभागों के प्रमुख, संकाय सदस्य, अधिकारी तथा चिकित्सा और नर्सिंग छात्र भी शामिल थे।