संस्था अध्यक्ष मनोज कुमार ने जारी किया वित्तीय वर्ष का अनंतिम आंकड़ा

संवाद सहयोगी/नई दिल्ली। खादी ग्रामोद्योग ने जारी वित्तीय वर्ष में अपने कारोबार की डेढ़ लाख करोड़ रपए के पर पहुंचाने में सफलता प्राप्त की है। इसके अलावा पिछले 10 वर्षों में उद्योग ने अभूतपूर्व कामयाबियां प्राप्त की हैं।

संस्था अध्यक्ष मनोज कुमार ने संस्था के राजधानी स्थित कार्यालय में वित्त वर्ष 2023-24 के अनंतिम आंकड़े जारी किये। उन्होंने बताया कि पिछले सभी आंकड़ों को पीछे छोड़ते हुए, वित्त वर्ष 2013-14 की तुलना में बिक्री में 399.69 प्रतिशत (लगभग 400%), उत्पादन में 314.79 प्रतिशत (लगभग 315%) और नये रोजगार के सृजन में 80.96 प्रतिशत (लगभग 81%) की बढ़ोत्तरी हुई है। बताया गया कि वित्त वर्ष 2022-23 में वर्ष 2013-14 की तुलना में बिक्री में 332.14%, उत्पादन में 267.52% और नये रोजगार सृजन के क्षेत्र में 69.75% की वृद्धि दर्ज की गयी थी।

मनोज कुमार ने कहा कि इस शानदार प्रदर्शन ने वर्ष 2047 तक ‘विकसित भारत’ के संकल्प को साकार करने और भारत को विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में बड़ा योगदान दिया है। आज़ाद भारत के इतिहास में पहली बार केवीआईसी के उत्पादों की बिक्री वित्त वर्ष 2023-24 में 1.55 लाख करोड़ रुपये को पार कर गयी है। वित्तवर्ष 2022-23 में बिक्री का आंकड़ा 1.34 लाख करोड़ रुपये था। ‘मोदी सरकार’ के पिछले 10 वित्त वर्षों में, ग्रामीण क्षेत्र के कारीगरों द्वारा बनाये गए स्वदेशी खादी और ग्रामोद्योगी उत्पादों की बिक्री वित्त वर्ष 2013-14 में जहां 31 हजार 154.20 करोड़ रुपये थी, वहीं वित्त वर्ष 2023-24 में यह बढ़कर 1 लाख 55 हजार 673.12 करोड़ रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुंच गयी। यह संस्था कि अब तक की सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि है। वित्त वर्ष 2023-24 में केवीआईसी के प्रयासों से ग्रामीण क्षेत्र में 10.17 लाख नये रोजगार का सृजन हुआ है जिसने ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था को सशक्त किया है। संस्था के अनुसार इस ऐतिहासिक उपलब्धि का श्रेय पूज्य बापू की प्रेरणा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी और देश के सुदूर गांवों में कार्यरत करोड़ों कारीगरों के कारण हासिल हो पाई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘ब्रांड शक्ति’ ने खादी के उत्पादों पर लोगों का विश्वास बढ़ाया है। युवा वर्ग के लिए खादी फैशन का ‘नया स्टेटस सिंबल’ बन गया है। बाजार में खादी और ग्रामोद्योगी उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है, जिसका परिणाम उत्पादन, बिक्री और रोजगार के आंकड़ों में दिख रहा है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले 10 वर्षों में खादी और ग्रामोद्योग के उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में बड़े बदलाव और फैसले लिये गये हैं, जिसके सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि यह आंकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि ‘मेक इन इंडिया’, ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘स्वदेशी उत्पादों’ पर देश की जनता का भरोसा बढ़ा है।