बोर्ड की पहली बैठक में विधायक ने रखे सौंदर्यीकरण के दो प्रस्ताव, स्वीकार

एम हसीन

रुड़की। मेयर अनीता देवी अग्रवाल और पार्षदों के शपथ ग्रहण के साथ ही आज नगर में स्थानीय सरकार का औपचारिक रूप से गठन हो गया। इसके साथ ही बोर्ड की पहली बैठक भी संपन्न हुई जिसमें कम से कम आज नगर विधायक प्रदीप बत्रा का प्रभुत्व कायम दिखाई दिया। उन्होंने अपनी सोच के अनुरूप दो प्रस्ताव बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किए और दोनों ही स्वीकार हो गए। दोनों का सम्बन्ध सौंदर्यीकरण से है, जो कि प्रदीप बत्रा की प्राथमिकता रही है। आज पहले दिन मेयर की ओर से नगर के सर्वांगीण विकास का वक्तव्य जारी किया गया। उनकी ओर से निवर्तमान सांसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने “मेयर सबको साथ लेकर चलेंगी और विकास कार्य कराएंगी।” का वक्तव्य दिया और प्रदीप बत्रा ने कहा कि “रुड़की को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए काम किया जाएगा।”

महानगर की प्रथम महिला मेयर अनीता देवी अग्रवाल के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर दिनभर तमाम किंतु-परन्तु होते रहे और उन्हीं के आधार पर बोर्ड के भविष्य को लेकर कयास आराईयां चलती रहीं। सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत का शपथ ग्रहण में शामिल न होना बड़ी बात नहीं चूंकि संसद का सत्र चल रहा है, रुड़की की रेजिडेंट राज्यसभा सदस्य डॉ कल्पना सैनी के शामिल न होने के पीछे यही कारण समझा जा सकता है, लेकिन पूर्व कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानंद का भी शामिल न होना तमाम सवालों को जन्म दे गया। ध्यान रहे कि यतीश्वरानंद और उनकी लॉबी ने अनीता देवी अग्रवाल की जीत सुनिश्चित करने के लिए दिनरात मेहनत की थी। खासतौर पर ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले यतीश्वरानंद गुट के बड़े चेहरे भी समारोह में उपस्थित नहीं हुए। इसी प्रकार सांसद गुट के किसी प्रमुख व्यक्ति का शपथ ग्रहण में शामिल न होना भी गंभीर सवाल खड़ा कर गया। विपक्ष के नेताओं, खास तौर पर विधायक उमेश कुमार, फुरक़ान अहमद और वीरेंद्र जाती का शपथ ग्रहण में शामिल न होना भी ताज्जुब की बात रहा, पता नहीं ऐसा उन्हें निमंत्रण न दिए जाने के कारण हुआ या फिर वे खुद ही नहीं आए।

वैसे शपथ ग्रहण में बड़ी संख्या में लोग जुटे, जो कि कोई ताज्जुब की बात नहीं है। कारण यह है कि भाजपा के पास हजारों ऐसे कार्यकर्ता हैं जिनकी पहली निष्ठा पार्टी में है, जो पार्टी के हर सुख-दुख में शामिल रहते हैं। फिर फिलहाल, फिलहाल हर तीसरा आदमी अपने-आपको भाजपाई के रूप में एक्सपोज करना चाहता है। इस एक्सपोजर से वे ही लोग बचते दिखाई देते हैं जो स्थापित भाजपाई हैं या फिर गुटबाजी की राजनीति के चलते जिन्हें बुलाने से ही परहेज किया गया था। मसलन, जो 38 लोग पार्टी से मेयर का टिकट मांग रहे थे उनमें से कोई बिरला ही समारोह में नजर आया। ऐसे में सवाल यह भी उठा कि जब मेयर अपनी पार्टी को ही साथ लेकर चलने में असमर्थ हैं तो डॉ निशंक का सबको साथ लेकर चलने का दावा कितना औचित्य पूर्ण है?

बहरहाल, समारोह में विधायक प्रदीप बत्रा, पार्टी जिला अध्यक्ष शोभाराम प्रजापति, चुनाव प्रभारी रवि मोहन अग्रवाल, राज्य मंत्री श्यामवीर सैनी, जिला पंचायत अध्यक्ष राजेंद्र चौधरी, भाजपा नेता ललित मोहन अग्रवाल, ओम प्रकाश जगदंबिनी, पवन तोमर, सुशील त्यागी, आदेश सैनी, दिनेश कौशिक, प्रवीण संधू, अरविंद गौतम, भीम सिंह, सोनू धीमान, चतरसेन, प्रदीप पाल, सतीश सैनी, सौरभ गुप्ता, नितिन गोयल, पंकज नंदा, विकास प्रजापति, सुशील रावत, राजपाल सिंह, पूजा नंदा, सागर गोयल, संजय त्यागी, सुमित अग्रवाल, नरेश शर्मा, ठाकुर चंदन सिंह, मनोज मेहरा, भरत कपूर, नवीन गुलाटी, मुमताज अब्बास नकवी, एच एम कपूर, सरदार सतबीर, राकेश गर्ग, रिशु वर्मा, नीतू शर्मा, सीमा वर्मा, हरिमोहन गुप्ता, सुधीर त्यागी, प्रदीप सचदेव, सुभाष सरीन, अनिल शर्मा, धीर सिंह, अभिषेक चंद्रा, डॉ राजेश चंद्रा, सौरभ सिंघल, कुनाल सचदेवा, सूरज नेगी, यजुर प्रजापति, संजय प्रजापति, रमेश जोशी, वैद्य टेक वल्लभ, संदीप वर्मा, आशीष पंडित, डॉ आशुतोष शर्मा, सुधीर जाटव, प्रतिभा चौहान, दमयंती नेगी, विक्रम गर्ग, नीरज रंधावा आदि पार्षद गण, भाजपा पदाधिकारी गण एवं काफी संख्या में नगर वासी भी शामिल हुए।