मकर संक्रांति पर जन-सेवा करना पुण्य का कार्य

संवाद सहयोगी

रुड़की। मकर संक्रांति के पर्व पर तड़के घने-कोहरे और कड़ाके की ठंड के बीच जब अन्य प्रत्याशी अपने बिस्तरों में गर्माहट पा रहे थे या अपने नित्य कार्य निपटा रहे थे तब निर्दलीय प्रत्याशी श्रेष्ठा राणा गरीबों में कम्बल वितरित करती हुई देखी गई। परंपरा, संस्कृति वास्तविक सेवा भावना को यूं जीवन में उतारने को लेकर, उसके उचित पालन को लेकर श्रेष्ठा राणा की प्रशंसा की गई।

गौरतलब है मकर संक्रांति पर आज सूर्य उत्तरायण हो रहा है। भारतीय संस्कृति में इस अवसर का भारी महत्व है। इसे असीम श्रद्धा और पुण्य भावना से देखा जाता है। इसे जन-कल्याण की भावना के साथ देखा जाता है और गरीबों की सेवा की जाती है। इसी भावना के तहत श्रेष्ठा राणा आज प्रात: घने कोहरे और भीषण सर्दी के बीच घर से निकली और उन्होंने सड़कों के किनारे पनाह पा रहे गरीबों में कंबलों का वितरण किया। उन्होंने गरीबों का हालचाल जाना और उनके कल्याण की प्रार्थना की। बाद में उन्होंने कहा कि यह उनके संस्कारों और उनकी पारिवारिक परंपरा का हिस्सा है और इसे राजनीति के हिसाब से नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने समस्त लोगों को मकर संक्रांति पर्व की शुभ कामना दी और सबके शुभ और कल्याण की कामना की।