मेयर पद के लिए निर्दलीय प्रत्याशी हैं पूर्व मेयर यशपाल राणा की पत्नी

एम हसीन

रुड़की। मेयर पद के लिए पूर्व मेयर यशपाल राणा की पत्नी श्रेष्ठा राणा केवल निर्दलीय प्रत्याशी ही नहीं बल्कि कांग्रेस की बागी भी हैं। उनके चुनाव कार्यालय उदघाटन में जाने वाले लोगों के सीने में कलेजे का होने जरूरी है। खास तौर पर भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए। यह भी सच है कि भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है और हर तीसरी प्राइवेट गाड़ी पर भाजपा का झंडा लगा हुआ है। ऐसे में श्रेष्ठा राणा के इंतेखाबी दफ्तर पर लोगों का हुजूम जुटना इस बात को रेखांकित कर गया कि उनका चुनाव औपचारिक नहीं है; वे जीतने के लिए चुनाव लड़ रही हैं और उनका लक्ष्य नगर निगम की राजनीति में “राणा योग की वापसी” कराना है। इसका एक मतलब और है। वह यह कि इस चुनाव में भी नगर की राजनीति के तीन तत्व, नगर विधायक प्रदीप बत्रा, भाजपा के पूर्व मेयर प्रत्याशी मयंक गुप्ता और पूर्व मेयर यशपाल राणा का दबदबा कायम रहने वाला है। बाकी कोई किसी पार्टी का अध्यक्ष हो या प्रत्याशी हो सब पासंग हैं, औपचारिक हैं, केवल गिनती बढ़ाने के लिए हैं।

मुद्दे पर आगे बात करने से पहले यह जान लेना जरूरी है कि नगर में मेयर पद के जिन प्रत्याशियों ने अपने कार्यालयों का उद्घाटन किए हैं उनमें भाजपा प्रत्याशी अनीता देवी अग्रवाल, कांग्रेस प्रत्याशी पूजा गुप्ता और निर्दलीय श्रेष्ठा राणा के कार्यालयों का उद्घाटन शामिल है। जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि भाजपा विश्व की सबसे बड़ी पार्टी है, उसके पास कार्यकर्ताओं की ही नहीं बल्कि पदाधिकारियों की बड़ी भीड़ है। फिर पार्टी राज्य से लेकर केंद्र तक सत्ता में है और रुड़की में सांसद से लेकर विधायक तक भाजपा का है। कितने ही लोगों को केंद्र व राज्य सरकार ने पदाधिकारी बनाया हुआ है। फिर पार्टी प्रत्याशी ने मीडिया से लेकर आम जन के लिए भी खजाने खोल दिए हैं। कार्यक्रम का उद्घाटन वे पूर्व कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानंद करने आए थे जिन्हें राज्य में मिनी मुख्यमंत्री माना जा रहा है और जिनके पास हजारों लोगों की प्रार्थनाएं रोज आती हैं। ऐसे में वहां उद्घाटन कार्यक्रम में भीड़ का जुटना बड़ी बात नहीं थी, बावजूद इसके कि भीड़ जुटाने में पार्टी प्रत्याशी का अपना योगदान कुछ नहीं था।

इसी प्रकार, कांग्रेस हालांकि सत्ता में नहीं है लेकिन संगठन उसके पास भी है, पदाधिकारी और कार्यकर्ता उसके पास भी हैं। फिर प्रत्याशी पूजा गुप्ता के पति सचिन गुप्ता की अपनी व्यक्तिगत टीम खासी बड़ी है। उनके राजनीतिक और प्रशासनिक संपर्क बड़े हैं जिनका उपयोग उन्होंने हाल के महीनों में लोगों के काम कराने के लिए किया है। किसी को उन्होंने अपने स्तर पर नौकरी दी है तो किसी के भवन का नक्शा पास कराने में मदद की है। कितने ही उन्होंने विवाद निपटवाए हैं। ऐसे में उनके चुनाव कार्यालय के उद्घाटन में भी भीड़ का जुटना स्वाभाविक था।

लेकिन निर्दलीय श्रेष्ठा राणा के कार्यालय के उद्घाटन में बेहिसाब भीड़ का जुटना बड़ी बात है। जैसा की स्वाभाविक है कि यशपाल राणा न केवल मेयर रह चुके हैं बल्कि विधानसभा का चुनाव भी कांग्रेस के टिकट पर लड़ चुके हैं। हाल तक भी वे कांग्रेस में ही टिकट के दावेदार थे लेकिन यह भी सच है कि जब उन्होंने कांग्रेस को छोड़ा तो उल्लेखनीय कांग्रेसियों में से कोई उनके साथ नहीं आया। ऐसे में उनके चुनावी कार्यालय उदघाटन में केवल वे लोग जुटे जिनके मेयर रहते हुए उन्होंने काम किए होंगे या अपने राजनीतिक संपर्कों का इस्तेमाल करके उन्होंने जिन लोगों को फायदा पहुंचाया होगा। हालांकि उन्हें इस बात का भी लाभ मिला कि खानपुर के निर्दलीय विधायक उमेश कुमार का भी उन्हें सहयोग मिला। उनकी पत्नी सोनिया शर्मा कार्यालय उदघाटन में खुद उपस्थित रही। बहरहाल, श्रेष्ठा राणा के कार्यक्रम में बड़ी भीड़ का जुटना एक भावी राजनीतिक रुझान का इशारा है। अगले 20 दिन नगर में राजनीति का पारा बहुत चढ़ने वाला है।