नगर विधायक प्रदीप बत्रा ने मेयर प्रतिनिधि ललित मोहन अग्रवाल पर लगाए गुमराह करने के आरोप, साथ ही नगर निगम पर लगाए काम न करने के आरोप

एम हसीन

रुड़की। एक हल्का सा पर्दा जो पड़ा हुआ था वह हट गया। पिछले सात महीनों से दूसरे लोगों के कंधों पर बंदूक रखकर निशाने लगाते आ रहे मेयर प्रतिनिधि ललित मोहन अग्रवाल और नगर विधायक प्रदीप बत्रा अब एक-दूसरे के खिलाफ खुलकर आ गए हैं। पहले विकास कार्यों के लिए प्रकाशित कराई गई निविदाओं पर पार्षदों की आपत्ति का जवाब देते हुए अग्रवाल ने कहा था कि काम की प्राथमिकताएं बत्रा के कहने पर निर्धारित की गई थी। अब बत्रा ने कहा है कि उनके द्वारा दिए गए प्रस्तावों पर कोई कार्य नहीं हुआ। उन्होंने खुलकर कहा कि मेयर प्रतिनिधि पार्षदों और जनता को गुमराह कर रहे हैं।

गौरतलब है कि नगर भाजपा विधायक प्रदीप बत्रा को मुख्यमंत्री कैंप का आदमी माना जाता है। सात महीने पहले भाजपा के टिकट पर मेयर निर्वाचित हुईं श्रीमती अनीता देवी अग्रवाल के पति ललित मोहन अग्रवाल को मुख्यमंत्री कैंप का आदमी ही माना जाता है। हालांकि यह तथ्य अलग है कि मेयर चुनाव में बत्रा पर पार्टी प्रत्याशी के हितों के खिलाफ काम करने के आरोप लगे थे। लेकिन यह भी सच है कि पिछले महीने बत्रा ने मेयर से राखी बंधवाई थी और उनसे रक्षा का वचन हासिल किया था। यह भी कमाल था कि इस रक्षा बंधन पर “रक्षा का वचन” “बहन” ने “भाई” को दिया था, जबकि परंपरागत रूप से भाई अपनी बहन को रक्षा का वचन देता आया है। इतिहास है कि मुगल काल में रानी कर्मवती को सम्राट हुमायूं ने रक्षा का वचन देकर निभाया था।

बहरहाल, यह वचन बत्रा के काम नहीं आया। पहला अवसर आते ही ललित मोहन अग्रवाल ने बत्रा पर आक्रमण कर दिया। दरअसल, निगम प्रशासन ने थोक के भाव निविदाएं जारी की थी। निविदाएं सार्वजनिक होते ही कई पार्षदों के तेवर चढ़ गए। उनके प्रस्तावों को कहीं स्थान नहीं मिला था। उन्होंने निगम कार्यालय में मेयर प्रतिनिधि ललित मोहन अग्रवाल को घेर लिया। बताया गया है कि आरोप-प्रत्यारोप के बीच अग्रवाल ने कहा कि तमाम विधायक द्वारा प्रस्तावित कार्यों की जारी की गई हैं। यही वह वाक्य है जो बत्रा को नागवार गुजर रहा है। बत्रा ने अपने कैंप के एक पत्रकार को विस्तृत साक्षात्कार देकर बताया कि उन्होंने अपने क्षेत्र के नालों की सफाई के प्रस्ताव मुख्य रूप से दिए थे, जिनपर काम नहीं हुआ। यही कारण है कि बरसती मौसम में नगर में जलभराव हो रहा है। उन्होंने कहा कि निगम ने जो निविदाएं जारी की हैं वे बाहरी रुड़की, अर्थात खानपुर, कलियर और झबरेड़ा विधानसभा क्षेत्रों, से संबंधित हैं। रुड़की विधानसभा क्षेत्र से संबंधित निविदाएं नहीं जारी की गई हैं।

जाहिर है कि मामला गंभीर है। सब जानते हैं कि अपनी पत्नी को मेयर निर्वाचित कराने के बाद ललित मोहन अग्रवाल की नजर अब अपने लिए विधानसभा के टिकट पर है। हालांकि यह मुमकिन नहीं है कि नगर के दोनों प्रमुख टिकट भाजपा एक ही दंपत्ति को सौंप दे। लेकिन यह भी सच है कि मौजदा जन-प्रतिनिधि को बदनाम करके उसका टिकट कटवाने की भाजपा में परम्परा रही है। प्रदीप बत्रा भी इस खेल में कमजोर नहीं हैं। यह देखने वाली बात होगी कि इस बार बाजी अपनी ओर करने के लिए दोनों शख्सियत किस हद तक जाती हैं। फिलहाल तो यही कहा जा सकता है कि दोनों के बीच फिलहाल तक जो संघर्ष पर्दे के पीछे से चल रहा था वह अब खुलकर होने लग गया है।