जिलाधिकारी ने कहा कि न ही कोई जनपद मुख्यालय छोड़ेगा और सभी अधिकारी आपसी समन्वय के आधार पर करेंगे कार्य

संवाद सहयोगी

हरिद्वार। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने निर्देश जारी किया है कि बिना अनुमति कोई भी जनपद स्तरीय अधिकारी अवकाश पर नहीं जाएगा; न जनपद मुख्यालय छोड़ेगा। उन्होंने कहा कि आगामी महीनों में चारधाम यात्रा, कांवड़ यात्रा और किसी भी आपदा के समय अधिकारी आपसी समन्वय बनाकर कार्य करेंगे।

जिलाधिकारी ने कहा है कि आगामी मानसूनकाल के दौरान जनपद में आपदाओं की संवेदनशीलता के दृष्टिगत भारतीय मौसम विभाग द्वारा समय-समय पर भारी वर्षा की चेतावनी तथा गतिमान चारधाम यात्रा व माह जुलाई में प्रस्तावित कांवड मेला के दौरान काफी संख्या में तीर्थयात्री और श्रद्धालुओं का जनपद में आवागमन बना रहेगा।

उन्होंने कहा है कि मानसून काल के दौरान विभिन्न प्राकृतिक व मानवजनित आपदाओं के प्रति संवेदनशीलता के दृष्टिगत तथा मानसून काल के दौरान गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि की दशा में निचले क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। साथ ही भू-कटाव के कारण आबादी व कृषि भूमि को भारी क्षति पहुंचने की सम्भावना रहती है। स्थानीय निकाय व ग्रामीण क्षेत्रों में अवस्थित छोटे-बड़े नालों की समुचित साफ-सफाई न होने के कारण वर्षा जल की निकासी नहीं हो पाती है, जिससे जल भराव की समस्या उत्पन्न हो जाती है, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित होने के साथ ही आपदा की स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है। ऐसी स्थिति में किसी भी समस्या से प्रभावी कार्यवाही हेतु त्वरित रिस्पान्स व आपसी समन्वयन नितान्त आवश्यक है।

उन्होंने कहा है कि आगामी मानसूनकाल व कांवड मेला तथा गतिमान चारधाम यात्रा के दृष्टिगत समस्त जनपद स्तरीय अधिकारियों को निर्देशित किया जाता है कि जिलाधिकारी की अनुमति और स्वीकृति के बिना अवकाश पर नहीं जाएंगे और न ही मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे। आदेश का अनुपालन न किये जाने की स्थिति में आपदा प्रबन्धन अधिनियम, 2005 के अंतर्गत सुसंगत धाराओं के अधीन सम्बन्धित के विरुद्ध कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।