राष्ट्रपिता की पुण्य तिथि से जोड़कर कांग्रेस ने उठाए सवाल, भाजपा ने विजय जुलूस की तिथि को एक दिन आगे बढ़ाया
एम हसीन
रुड़की। महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के दिन निकाय प्रतिनिधियों के विजय जुलूस आयोजन का कार्यक्रम निर्धारित कर भाजपा के लिए शपथ ग्रहण से पहले ही स्थित असहज हो गई। कांग्रेस ने शोक दिवस पर विजय जुलूस निकाले जाने के फैसले को राष्ट्र पिता का अपमान बताया और भाजपा पर तीखा हमला किया। नतीजा यह हुआ की सुरक्षात्मक हुई भाजपा ने विजय जुलूस आयोजन की तिथि को एक दिन आगे बढ़ा दिया। इससे पार्टी खुद को असहज तो महसूस कर ही रही है, यह भी लग रहा है कि अपने उच्च मनोबल के चलते निगम बोर्ड संचालन के मामले में कांग्रेस भाजपा को खुला मैदान नहीं देने वाली नहीं है। विपक्ष की सत्तापक्ष के हर कदम पर नजर है।
मेयर चुनाव में हालांकि कांग्रेस प्रत्याशी पूजा गुप्ता को 15 हजार वोटों के साथ तीसरा स्थान मिला है। इसके बावजूद जो हालात रहे उनके मद्दे नजर पूजा गुप्ता और महानगर कांग्रेस दोनों ही न केवल बेहद आक्रामक हैं बल्कि शुरुआती दौर में ही बढ़त में भी नजर आ रहे हैं। भाजपा चूक कर रही है और कांग्रेस उसका भरपूर लाभ उठा रही है। मसलन, कल पूजा गुप्ता ने प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर पूरी चुनाव प्रक्रिया को लेकर तमाम सवाल उठाए थे। उन्होंने मतदान से लेकर मतगणना तक में धांधली का आरोप लगाया था और कहा था कि चुनाव दरअसल भाजपा ने नहीं बल्कि सरकार ने लड़ा और सरकार ने ही नगर में मेयर बनाया है। यह आरोप लोगों को बहुत अपील कर रहा है। कारण यह है कि सरकार ने मुस्लिम बेल्ट में मतदान को रोकने के लिए तंत्र का इस्तेमाल किया और उसने बेल्ट में वोट नहीं डालने दिए और इस हकीकत से नगर की पूरी जनता वाकिफ है। भाजपा विरोधी प्रत्याशी महानगर में बहुसंख्यक मतदाताओं के बीच प्रभावी प्रदर्शन करते हुए यह उम्मीद कर रहे थे कि मुस्लिम बेल्ट में जाकर परिणाम उनके पक्ष में आएगा। लेकिन सरकार ने इस विचार की ही भ्रूण हत्या कर दी। सरकार ने मुसलमानों को वोट की नहीं डालने दिया, यह संदेश पूरी कामयाबी के साथ कल पूजा गुप्ता ने महानगर कांग्रेस अध्यक्ष राजेंद्र चौधरी एडवोकेट के साथ आयोजित संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में जारी किया।
इसी कड़ी को आज महानगर कांग्रेस अध्यक्ष राजेंद्र चौधरी ने अपने स्तर पर आगे बढ़ाया जब उन्होंने भाजपा द्वारा निकाय प्रतिनिधियों के विजय जुलूस के कार्यक्रम को लेकर महात्मा गांधी के अपमान से जोड़ा। दरअसल, भाजपा ने मेयर के विजय जुलूस के लिए 30 जनवरी की तिथि निर्धारित की थी जो कि महात्मा गांधी की पुण्यतिथि है। कांग्रेस ने बेहद आक्रामक अंदाज में इसे राष्ट्रपिता का अपमान बताया तो स्वाभाविक रूप से स्थिति भाजपा के लिए असहज हो गई।आखिरकार उसे सुरक्षात्मक आप अपनाते हुए अपने कार्यक्रम की तिथि को 31 जनवरी करना पड़ा। कांग्रेस की उपरोक्त रणनीति आगे निकाय बोर्ड के संचालन को किस हद तक प्रभावित करेगी, जनहित के मुद्दों पर काम करने के लिए बोर्ड को कितना मजबूर कर पाती है, यह देखने वाली बात होगी। फिलहाल यह लगता है कि अपनी भीतरी स्थिति और चुनावी प्रक्रिया को लेकर पार्टी का मनोबल कमजोर है।