नगर पंचायत सीट पर पत्नी शाहजहां को लड़ा रहे चुनाव

एम हसीन

रुड़की। कलियर विधायक हाजी फुरकान अहमद का शानदार राजनीतिक रिकॉर्ड रहा है। लगातार ग्राम प्रधान रहने के बाद जब वे 2011 में प्रधानी हारे थे तो उन्हें 2012 में विधानसभा की सदस्यता मिली थी। इससे पहले 2009 में वे अपने गृह ग्राम रामपुर और कलियर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस की जीत का दस्तावेज लिख दिया था। फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 2012, 2017 व 2022 में खुद विधानसभा जीते। 2009, 2014, 2019 व 2024 में उनके क्षेत्र में कांग्रेस जीती और 2018 में उनका प्रत्याशी कलियर नगर पंचायत सीट पर जीता। इसलिए यह पहला अवसर है जब वे मुश्किल में फंसे हुए हैं। उनका एक फैसला नगर निकाय चुनाव में उनके पूरे कलियर क्षेत्र में उन्हीं पर भारी पड़ता दिखाई दे रहा है। हद यह है कि अपने ही गृह ग्राम रामपुर में वे अपनी पत्नी शाहजहां की उम्मीदवारी को लेकर ही मुश्किल में फंसे हुए हैं।

गौरतलब है कि कलियर ऐसा इकलौता विधानसभा क्षेत्र है जहां नगर निकायों की संख्या सबसे ज्यादा है। यहां रामपुर, कलियर, इमलीखेड़ा और पाडली नगर पंचायतें हैं। इसके अलावा रुड़की नगर निगम का एक चौथाई हिस्सा भी कलियर विधानसभा क्षेत्र में आता है। अहमियत इस बात की है कि इस बार इन सभी क्षेत्रों में कांग्रेस अपने प्रत्याशियों को लेकर लड़ रही है। रामपुर चूंकि क्षेत्रीय विधायक हाजी फुरकान अहमद का गृह क्षेत्र में है तो यहां का नगर कांग्रेस अध्यक्ष पद का टिकट उन्होंने अपने पास रखा है और अपनी पत्नी शाहजहां को प्रत्याशी बनाया है। यूं व्यक्तिगत रूप से नामांकन करने के बाद स्वाभाविक रूप से वे अपने ही चुनाव में उलझ गए हैं। उनके परंपरागत प्रतिद्वंदी अब्दुल वहीद उर्फ भूरा रामपुर सीट पर उनके सामने हैं और दूर-दराज बैठे उनके परंपरागत विरोधी लक्सर विधायक हाजी शहजाद उन्हें भूरा के माध्यम से घेरने की कोशिशें कर रहे हैं। एक कोशिश खानपुर के निर्दलीय विधायक उमेश कुमार कर रहे हैं जिन्होंने यहां अपना प्रत्याशी जुल्फिकार के रूप में निर्दलीय के रूप में ही दिया हुआ है। जुल्फिकार रामपुर नगर पंचायत क्षेत्र अंतर्गत इब्राहिमपुर के निवासी बताए गए हैं और उल्लेखनीय यह है कि वे इब्राहिमपुर क्षेत्र के अकेले प्रत्याशी हैं। दूसरी ओर इसी क्षेत्र के सालियर निवासी दो प्रत्याशी अभी तक हाजी फुरकान अहमद का वोट बैंक रहे वोट में चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें एक प्रत्याशी आलमगीर को खासा मजबूत बताया जा रहा है। फिर रामपुर में भूरा के अलावा 4 अन्य प्रत्याशी हैं जो वोट की काट-फ़ॉन्ट कुछ इस प्रकार कर रहे हैं कि हाजी फुरकान के माथे पर सिलवटें आ रही हैं। स्थिति को नियंत्रित करने के मामले में वे इतना व्यस्त हो गए हैं कि न रुड़की में ध्यान दे रहे हैं और न ही अन्य नगर पंचायतों में।