कांग्रेस में बगावत हो गई है तय
एम हसीन
रुड़की। पूर्व मेयर यशपाल राणा ने कांग्रेस प्रत्याशी बनाई गई पूजा गुप्ता के पति सचिन गुप्ता के इस भरोसे को तो कायम नहीं रखा है कि पार्टी एक है और वे सभी नाराज लोगों को मना लेंगे। यशपाल राणा ने अपनी पत्नी पूर्व पार्षद श्रेष्ठा राणा का निर्दलीय नामांकन कराकर अपनी बगावत का ऐलान तो कर दिया है, लेकिन सवाल यह है कि क्या वे 2013 का इतिहास दोहरा पाएंगे क्या वे सामान्य जन के मन में वही भावना पैदा कर पाएंगे जो उस समय की गई थी? यह देखा जाना जरूरी है।
गौरतलब है कि 2013 के निकाय चुनाव में भाजपा में पार्षद पद टिकट कट जाने के बाद यशपाल राणा ने पार्टी से बगावत की थी और फिर निर्दलीय मेयर का नामांकन दाखिल किया था। उन्होंने यह चुनाव भाजपा के प्रत्याशी महेंद्र काला को 115 वोटों से हराकर जीता था। वे 2014 में कांग्रेस में शामिल हो गए थे और उन्होंने 2017 में पार्टी का विधान सभा टिकट मांगा था जो कि उन्हें नहीं मिला था। लेकिन उन्होंने कांग्रेस को नहीं छोड़ा था और 2019 के निकाय चुनाव में पार्टी का मेयर टिकट मांगा था। तब तकनीकी रूप से वे और उनकी पत्नी श्रेष्ठा राणा चुनाव लड़ने में अक्षम पाए गए थे इसलिए उन्होंने अपने भाई रेशू राणा को चुनाव लड़ाया था। तब रेशु राणा दूसरे नंबर पर रहकर चुनाव हारे थे। इसके बाद यशपाल राणा ने 2022 का चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ा था। तब भी वे बेहद नजदीक जाकर हार गए थे। अब फिर वे कांग्रेस के टिकट के दावेदार के रूप में उभरे थे। लेकिन पार्टी ने इस बार सचिन गुप्ता की पत्नी पूजा गुप्ता को अपना प्रत्याशी बना दिया। इसके बाद यशपाल राणा ने पार्टी के खिलाफ बगावत कर दी और, जैसा कि बताया गया है, उन्होंने आज अपनी पत्नी श्रेष्ठा राणा का नामांकन भी करा दिया है। कल सचिन गुप्ता ने कहा था कि वे यशपाल राणा को मना लेंगे। कम से कम अभी तक ऐसा कुछ जाहिर नहीं हुआ है। अब देखने वाली बात होगी कि आगे सचिन गुप्ता उन्हें मनाते हैं या नहीं अथवा मना पाते हैं या नहीं। दूसरी ओर यह देखा जाना भी जरूरी है कि यशपाल राणा 2013 का इतिहास दोहरा पाते हैं या नहीं।