पत्नी पूजा गुप्ता के लिए हासिल किया कांग्रेस का मेयर टिकट
एम हसीन
रुड़की। व्यवस्था से लेकर पार्टी तक पर कांग्रेस महासचिव सचिन गुप्ता ने अपनी मजबूत पकड़ साबित करके ही दम लिया। नगर विधायक प्रदीप बत्रा के पद चिन्हों पर चलते हुए उन्होंने महज दो साल की जद्दो-जहद के बीच पार्टी का मेयर टिकट अपनी पत्नी पूजा गुप्ता के लिए हासिल कर लिया। अब बस आखिरी पड़ाव बाकी है। 25 जनवरी को जब परिणाम आयेगा तो इस पड़ाव का भी खुलासा हो जाएगा। कोई बड़ी बात नहीं कि जिस प्रकार प्रदीप बत्रा का अभी तक न हारने का ट्रैक रिकार्ड है उस प्रकार सचिन गुप्ता भी अपने इस पहले चुनाव में ही बाजी मार ले जाएं।
सचिन गुप्ता ने गंभीरता और शक्ति के साथ 2022 का कांग्रेस का टिकट मांगा था, यह सच है। लेकिन यह भी सच है कि उन्होंने पार्टी का मेयर टिकट सबसे पहले 2019 में मांगा था, जो कि उस समय उन्हें नहीं मिला था। लेकिन कांग्रेस की राजनीति का अध्ययन करने का रास्ता उन्हें मिल गया था। वे इस रास्ते पर आगे बढ़े और आखिरकार कांग्रेस पर अपनी पकड़ साबित करने में कामयाब रहे। वैसे यह संयोग है कि सचिन गुप्ता ही की तरह ललित मोहन अग्रवाल ने भी पहली बार 2019 में ही भाजपा का टिकट मांगा था। उन्हें भी भाजपा की राजनीति को समझने में 5 साल लगे और इन पांच सालों में वे भी अपनी पत्नी अनीता अग्रवाल के लिए टिकट हासिल करने में कामयाब रहे। जाहिर है कि इसे एक संयोग ही कहा जाएगा। प्रसंगवश, सचिन गुप्ता और ललित मोहन अग्रवाल में एक और समानता है। वह यह कि दोनों ही आर्मी के बड़े ठेकेदार और सप्लायर हैं।
बहरहाल, सचिन गुप्ता को कांग्रेस से टिकट हासिल करने में सहर्ष चाहे जितना करना पड़ा हो लेकिन यह सच है कि पार्टी की राज्य स्तरीय टॉप लीडरशिप में कोई एकाध चेहरा ही ऐसा रहा होगा, जिसने उनका विरोध किया होगा; यह अलग बात है कि यह विरोध प्रबल था, इसी कारण टिकट निर्धारण में 4 दिन का समय लगा और सूची जारी होने के बाद पार्टी में कुछ बगावत के स्वर भी सुनाई दिए। बहरहाल, सचिन गुप्ता ने नगर के मतदाताओं को भरोसा दिलाया है कि पार्टी में एकजुटता बनी रहेगी क्योंकि वे नाराज़ लोगों को मना लेंगे। अगर उनके भरोसे पर यकीन किया जाए तो कांग्रेस प्रत्याशी पूजा गुप्ता, भाजपा प्रत्याशी अनीता अग्रवाल के साथ सीधा मुकाबला करेंगी।