अनीता अग्रवाल को मिला रुड़की में पार्टी का मेयर टिकट
एम हसीन
रुड़की। सामाजिक व्यवस्था का यह स्थापित मानदंड है और राजनीति में ऐसा आम होता है। जब दो दावेदार हों और दोनों में कोई भी अपने कदम पीछे खींचने को तैयार ना हो तो रेफरी तीसरे को टिकट देते हैं। यही भाजपा ने किया है। ललित मोहन अग्रवाल की पत्नी अनीता अग्रवाल को पार्टी ने अपना रुड़की मेयर प्रत्याशी घोषित कर दिया है। साथ ही यह भी स्पष्ट हो गया है कि चुनाव का ओवरऑल सुपरविजन रेफरी के हाथ में रहेगा, इसलिए पार्टी के भीतर किसी प्रकार की बगावत या असंतोष को पनपने नहीं दिया जाएगा। “परम नागरिक” ने पहले ही यह घोषणा कर दी थी कि इस बार भाजपा पार्टी में बगावत के हालात पैदा नहीं होने देना चाहती। यही कारण है कि जब दोनों पहलवान अपने कदम पीछे खींचने को तैयार नहीं हुए तो आखिरकार रेफरी की चल सकती है। वही हुआ। अब जाहिर है कि, जब 2027 का मामला सामने है तो, सबको निकाय चुनाव में ही परफॉर्मेंस देना पड़ेगा। जो, खासतौर पर दावेदारों के पैरोकार, परफॉर्म नहीं करेगा, उसे 2027 में अपने रिपोर्ट कार्ड के रूबरू होना पड़ेगा।
जैसा कि सर्वज्ञात है कि भाजपा में मेयर टिकट के करीब 40 दावेदार थे। इन दावेदारों के बीच नगर विधायक प्रदीप बत्रा भी किसी के पैरोकार थे और पूर्व मेयर प्रत्याशी मयंक गुप्ता भी। टिकट को लेकर कई दिन जद्दो-जहद चली, दोनों पैरोकार अपने-अपने चेहरे के साथ मैदान में डटे रहे। उन्हें तमाम विकल्प दिए गए। कभी सौम्या गुप्ता का नाम टॉप पर आया तो कभी दीक्षा गोयल का। कभी शिखा अग्रवाल के नाम पर चर्चा हुई तो रेखा शर्मा के नाम पर। यहां तक कि सावित्री मंगला तक का नाम केंद्र में आया। आखिरकार रेफरी ने अपना वीटो इस्तेमाल किया, तब जाकर पैरोकारों ने अपने अस्त्र-शस्त्र रखे। अब फाइनली अनीता अग्रवाल पार्टी की प्रत्याशी हैं। टिकट बंटवारे में सबसे बड़ा फैक्टर “वैश्य” ही रहा। चूंकि देहरादून में ब्राह्मण प्रत्याशी लाना भाजपा की मजबूरी बना, इसलिए रुड़की में भी वैश्य प्रत्याशी देना पार्टी की मजबूरी बना। बहरहाल, यह समाचार लिखे जाने तक भाजपा में किसी प्रकार के असंतोष के स्वर सुनाई नहीं दिए थे। फिर भी यह देखना दिलचस्प होगा कि खुद पार्टी प्रत्याशी का परफॉर्मेंस कैसा रहने वाला है। कारण यह है कि पिछले 20 सालों में निकाय चुनाव में भाजपा ने इससे पहले दो बार वैश्य प्रत्याशी दिए थे और दोनों ही बार मुंह की खाई थी। अब अनिता अग्रवाल के मामले में क्या होगा, देखना दिलचस्प होगा।