मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने जिलों से NCORD बैठकों की रिपोर्ट तलब की*
एन-कॉर्ड की नियमित बैठकें आयोजित ना करने वाले जिलाधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि की चेतावनी

संवाद सहयोगी

देहरादून। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने इस बात पर गहरी नाराज़गी जाहिर की है कि विभिन्न जिलों के जिलाधिकारी एन-कॉर्ड की बैठकें नियमित रूप से आयोजित नहीं कर रहे हैं। एन-कॉर्ड से संबंधित बैठक में मुख्य सचिव को बताया गया कि देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर, चमोली एवं चम्पावत जनपदों द्वारा इस वर्ष एक भी जिला स्तरीय एन-कॉर्ड की बैठक आयोजित नहीं की गई है। उन्होंने जिलाधिकारियों को कड़ी फटकार लगाते हुए सचिव गृह को इस सम्बन्ध में तत्काल पत्र प्रेषित करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही पर उत्तरदायी अधिकारियों की एसीआर में प्रतिकूल प्रविष्टि की चेतावनी भी दी है।

मेडिकल स्टोर पर दवाइयों के नशे के रूप में दुरूपयोग पर सख्त माॅनिटरिंग को लेकर सीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने महानिदेशक स्वास्थ्य को सभी मेडिकल स्टोर पर अनिवार्यतः सीसीटीवी लगवाने तथा रिकाॅर्ड के डिजिटाइजेश हेतु निर्देश दिए हैं। सचिवालय में स्टेट लेवल नारकोटिक्स को-आर्डिनेशन मीटिंग में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने तत्काल सम्बन्धित विभाग तथा जिलाधिकारियों को नशा मुक्ति केंद्रों के लिए अलग से बजट मद सृजित करने के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने जिलाधिकारियों को प्रत्येक जिले में एक-एक नशा मुक्ति केन्द्र अनिवार्यतः स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्य सचिव ने सरकारी शिक्षण संस्थानों की भांति ही निजी स्कूलों, काॅलेजों एवं विश्वविद्यालयों में एंटी ड्रग्स कमेटी अनिवार्यतः गठित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने एण्टी ड्रग्स ई प्लज को भी जन अभियान के रूप में चलाने के निर्देश दिए हैं। उत्तराखण्ड में अभी तक 2 लाख 20 हजार 754 ई प्लज ली जा चुकी हैं। इस मामले में देशभर में उत्तराखण्ड 6वें स्थान पर है। शैक्षणिक संस्थानों के कैम्पस को ड्रग्स फ्री सुनिश्चित करने में निजी क्षेत्र की भागीदारी को लेकर सीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने विभिन्न एनजीओ, सामाजिक, सांस्कृतिक संस्थाओं के साथ इस सम्बन्ध में एमओयू करने की संभावनाओं पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं।

बैठक में जानकारी दी गई कि इस वर्ष अभी तक राज्य में एनडीपीएस एक्ट के तहत 1020 केस रजिस्टर्ड हुए हैं तथा 1298 दोषियों को सजा हुई है। पीआईटी एनडीपीएस एक्ट 1988 के तहत राज्य में कुल 5 केस दर्ज किए गए, जिनमें देहरादून में 3, हरिद्वार में 1 तथा एएनटीएफ-एसटीएफ में 1 केस था। इस वर्ष नवम्बर माह तक 223.15 किग्रा चरस, 462.91 किग्रा डोडा, 15.92 किग्रा. अफीम, 18.24 किग्रा. हिरोइन, 0.343 किग्रा0 कोकेन, 2058 हिट एलएसडी, 0.372 किग्रा. एमडीएमए, 1567.49 किग्रा. गांजा तथा 2 लाख 52 हजार 208 टेबलेट व इंजेक्शन जब्त किये गए। नशे के अवैध कारोबार के सम्बन्ध में हरिद्वार जनपद में 8, पौड़ी में 1 तथा चमोली में 1 केस रजिस्टर्ड हुए हैं जिनमें कुल 3 करोड़ 13 लाख, 30 हजार 78 रूपये की सम्पति जब्त तथा आर्थिक जांच की गई। इस वर्ष 6.640 एकड़ में अवैध अफीम की खेती नष्ट की गई। बैठक में सचिव शैलेश बगोली सहित पुलिस, स्वास्थ्य, शिक्षा, गृह विभाग के अधिकारी तथा सभी जिलाधिकारी वर्चुअल माध्यम से मौजूद रहे।