अलबत्ता जल्द बन सकता है कच्चा रास्ता

संवाददाता

रुड़की। सोलानी पुल निर्माण का मामला किसी सिरे पहुंचने के अभी भी कोई आसार नहीं हैं। लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड रुड़की के अधिशासी अभियंता विपुल सैनी का कहना है कि अगले महीने तक केंद्र सरकार से पुल निर्माण की मंजूरी आ जाने की उम्मीद है। तब ही पुल का निर्माण शुरू हो पाएगा। अहम यह है कि मंजूरी आ जाने के बाद भी पुल निर्माण में कम से कम दो साल का समय लगेगा। लेकिन विपुल सैनी का यह आश्वासन भी है कि वैकल्पिक मार्ग के लिए जल्द ही एक रपटे का निर्माण कर दिया जाएगा। इन सरकारी कार्यवाहियों और आश्वासनों के बीच सोलानी के पार स्थित स्कूलों के संचालकों ने छात्रों पर यात्रा की फीस बढ़ा दी है। पहले से ही अधिक समय खर्च होने की मार झेल रहे स्कूली बच्चों के अभिभावकों की जेब पर अब अधिक किराए की मार भी पड़ रही है। विधायक रुड़की प्रदीप बत्रा दो बार और विधायक कलियर हाजी फुरकान अहमद एक बार विधानसभा में पुल निर्माण की मांग उठा चुके हैं। लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं आया है। मामला चूंकि केंद्र सरकार के पास अटका है इसलिए सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत की इसमें अहम भूमिका हो सकती है लेकिन उन्होंने इसमें कोई पहल की है ऐसी कोई खबर अभी नहीं आई है।

गौरतलब है कि रुड़की को हरिद्वार से जोड़ने वाले सोलानी नदी के पुल को कमज़ोर हो जाने के कारण 2022 में भारी यातायात के लिए बंद कर दिया गया था। यूं बंदी करण की चपेट में बसें भी आई थी। बसों को रुड़की से वाया ग्राम नगला इमरती हाइवे पर भेजा जा रहा है और कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के सामने वे फ्लाई ओवर से नीचे उतरती हैं। कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग रुड़की से दस किलोमीटर दूर है और इतना ही नगला इमरती गांव है। कोढ़ में खाज यह है कि नगला इमरती से पहले ढंढेरा क्षेत्र में रेलवे क्रॉसिंग है और इस पर हैवी रेलवे ट्रैफिक है। इस कारण यातायात को यहां अक्सर लंबा इंतेज़ार करना पड़ता है। फिर यात्रियों को किराया अधिक देना पड़ता है। इस मामले में स्कूली छात्रों की समस्या तो और भी अधिक है। चूंकि अधिकांश स्कूल सोलानी पुल से 2-4 किलोमीटर ही दूर हैं इसलिए स्कूली बसों को कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से वापिस रुड़की की ओर आना पड़ता है। कुल मिलाकर स्थिति यह है कि बस से स्कूल जाने वाले छात्रों का सारा दिन स्कूल और सफर में ही गुजर जाता है। लेकिन बात केवल इतनी ही नहीं है। यूं बढ़ी हुई यात्रा का खर्च भी स्कूल संचालक छात्रों के अभिभावकों से ही वसूल कर रहे हैं। एक ओर यह स्थिति है और दूसरी यह कि सोलानी पुल के निर्माण के अभी कोई इम्कान नहीं हैं। वैसे अपनी अगली रिपोर्ट में “परम नागरिक” नागरिकों को सोलानी पुल बनाम रपटा बनाम रोडवेज बस अड्डा शिफ्टिंग प्रोसेस के कनेक्शन के विषय में बताएगा।