शुरुआती अनुमानों को ध्वस्त करती दिख रही कांवड़ियों की भीड़

एम हसीन

यह तिथियों का खेल है कि कांवड़ यात्र के शुरूआती दौर में ही इस बार पंचक नहीं लगी है। यही कारण है कि बेहिसाब कांवड़ यात्री हरिद्वार पहुंच रहे हैं और जल उठाकर वापसी मार्ग पर जा रहे हैं। यात्र के शुरूआती दौर में ही हालात यहां आ पहुंचे हैं कि राष्ट्रीय राजमार्ग से लेकर सभी मुख्य मार्गों, यहां तक की सम्पर्क मार्गों पर भी शिवभक्तों की टोलियां नजर आ रही हैं। अगर शुरूआती दौर में, जैसा कि होता रहा है, पंचक लग जाती तो भीड़ शुरू में धीरे धीरे बढ़ती और अन्तिम तीन-चार दिन ही पुलिस प्रशासन के लिए समस्या पैदा करते। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो रहा है।
पुलिस प्रशासन की दूसरी समस्या यह है कि इस बार आश्चर्यजनक रूप से कांवड़ यात्रियों का रवैया आक्रामक बना हुआ है। इसी कारण कई स्थानों पर स्थानीय जनों के साथ कांवड़ यात्री मारपीट तक कर चुके हैं। इस बीच सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पुलिस प्रशासन पूरे धैर्य का परिचय देते हुए स्थितियों को नियंत्रित किए हुए है। तालमेल की स्थिति का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि कांवड़ियों को हर प्रकार की सुविधा प्रदान की जा रही है लेकिन उद्ण्ड़ता दिखाने पर उनके खिलाफ दण्ड़ात्मक कार्यवाही भी की जा रही है।
यात्र के प्रथम सोमवार को कांवड़ यात्र की समीक्षा करने के लिए हरिद्वार आए राज्य के पुलिस प्रमुख अभिनव कुमार ने एक बड़ी सारगर्भित बात कही थी। उन्होंने कहा था कि व्यवस्था से जुड़ा लगभग हर कर्मचारी अतीत में भी कांवड़ यात्र के दौरान अपनी सेवाएं दे चुका है। उसे यात्र सम्पन्न कराने का अनुभव है और वह अपने अनुभव को धरातल पर उपयोग करते हुए यात्र को सकुशल शान्तिपूर्ण सम्पन्न कराए। बात सच है। जिला पुलिस प्रमुख प्रमेन्द्र डोभाल हरिद्वार जिले में एसपी देहात और एसपी सिटी के पदों पर सेवाएं देते हुए कई कांवड़ यात्रओं में अपनी भूमिका निभा चुके हैं। यही स्थिति उनके अधीनस्थों की और इसी कारण अधिकतम मामलों में मौके पर मौजूद होमगार्ड से लेकर राउण्ड पर निकले हुए अधिकारियों तक जरूरत के हिसाब से ऐसा निर्णय ले रहे हैं जो मुनासिब हो और जिससे स्थिति किसी भी सूरत में नियंत्रण से बाहर न जाएं। इनमें शक्ति भी शामिल है फिर चाहे शक्ति स्थानीय नागरिकों के साथ की जा रही हो चाहे कांवड़ यात्रियों के साथ। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि भले ही कांवड़ यात्रियों की भीड़ पिछले सभी अनुमानों को ध्वस्त कर रही हो और भले ही यह पुलिस प्रशासन के लिए कदम कदम पर चुनौती बन रही हो लेकिन हर गुजरता दिन प्रशासन को राहत देने वाला साबित हो रहा है।