बात केवल एक रपटे की तो नहीं है
एम हसीन
रुड़की। फिलहाल सोलानी पुल की डी पी आर में लगातार हो रही देरी और वैकल्पिक मार्ग के रूप में बनाए जा रहे रपटे को लेकर अखबारों की सुर्खियां बन रहे लोक निर्माण विभाग के रुड़की खंड की स्थिति मात्र इतनी ही नहीं है। हाल तक यहां अधिशासी अभियंता रहे मोहम्मद आरिफ खान के रुड़की में कार्यरत अधिनस्थों की बात पर यकीन किया जाए तो वे एक बेहद कर्मठ अधिकारी और अनुभवी अभियंता हैं। इसके बावजूद मोहम्मद आरिफ खान को सितंबर 2022 से अभी तक रुड़की से तीन बार स्थानांतरित किया जा चुका है। पहले उन्हें रुड़की लाया गया, फिर हटाया गया, फिर लाया गया और अब फिर वे कीर्ति नगर खंड स्थानांतरित किए जा चुके हैं। यह विभाग की स्थिति है जो यह रेखांकित करती है कि वहां ऐसा कुछ है जो सामान्य नहीं है।
लेकिन मसला केवल इतना ही तो नहीं है। मसला यह भी तो है कि केवल मोहम्मद आरिफ खान को ही तो यूं अप डाउन नहीं किया जा रहा है। उनसे पहले यहां अधिशासी अभियंता रहे प्रवीण कुमार को भी तो पनिशमेंट ट्रांसफर मिला था। उन्हें लेकर बकायदा विधानसभा में सवाल उठा था और फिर वे स्थानांतरित करके राष्ट्रीय राजमार्ग में भेज दिए गए थे। प्रवीण कुमार के दौर में रुड़की में सड़कों के मनमाने निर्माण के मामले हुए थे जिन्हें लेकर विवाद इतना बढ़े थे कि विभाग को बी टी गंज में पूरी सड़क तोड़कर दोबारा बनाना पड़ी थी।
इसके बाद मोहम्मद आरिफ खान आए थे तो विवाद और अधिक बढ़ गए थे। ठेकेदारों के परिसर में नित होने वाले प्रदर्शनों के चलते अधिशासी अभियंता को परिसर के मुख्यद्वार पर महीनों ताले लगाकर बैठना पड़ा था। मामला पहले कोतवाली में सहायक अभियंता बनाम ठेकेदार और फिर ठेकेदार बनाम सहायक अभियंता कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करने तक और फिर
मुख्य अभियंता से लेकर हाई कोर्ट पहुंचा था। एक बार हाई कोर्ट ने मामला निस्तारित कर दिया था तो ठेकेदार दूसरी याचिका लेकर पहुंच गए थे। दूसरी याचिका अभी विचाराधीन है। इस बीच ठेकेदार निविदाओं, कार्यों के वितरण, भुगतान आदि को लेकर आज भी परिसर में हंगामा करते दिखाई दिए। यह सब रपटे को।लेकर जारी विवाद के बीच चल रहा है। ध्यान रहे कि रपटे के निर्माण की यह प्रक्रिया मोहम्मद आरिफ खान के दौर में ही शुरू हुई थी। इससे पूर्व एक रपटा प्रवीण कुमार के दौर में भी बनाया गया था जो पहली बारिश में ही बह गया था। जाहिर है कि विभाग के उच्च अधिकारी न समस्याओं के निस्तारण में रुचि ले रहे हैं और न ही खंड की छवि को लेकर फिक्रमंद दिखाई दे रहे हैं।