29 हजार टीबी मरीज किये गये चिन्हित, 11 हजार निःक्षय मित्र बने टीबी मरीजों के संकटमोचक

संवाद सहयोगी

देहरादून। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत प्रदेश में 11 हजार 321 निःक्षय मित्रों ने संकटमोचक बनकर टीबी मरीजों की सहायता की। इनकी मदद से सूबे में 23 हजार 565 लोग टीबी को मात देकर स्वस्थ हो चुके हैं। प्रदेश में टीबी उन्मूलन को लेकर सरकार युद्ध स्तर पर काम रही है, यही कारण है कि वर्ष 2024 में टीबी रोगियों को चिन्हित करने हेतु भारत सरकार द्वारा दिये लक्ष्य से अधिक राज्य में टीबी मरीजों को खोजा गया।

सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य सरकार प्रदेश में टीबी उन्मूलन के लिये प्रतिबद्ध है और सरकार द्वारा लगातार टीबी उन्मूलन की दिशा में युद्ध स्तर पर कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड को टीबी मुक्त करने के उद्देश्य से प्रदेश के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में सामुदायिक सहयोग लेकर लगातार अभियान चलाये जा रहे हैं। टीबी मुक्त उत्तराखंड के लिये अबतक 11 हजार 321 लोगों ने निःक्षय मित्र बनकर 24 हजार 359 चिन्हित टीबी मरीजों को गोद लिया है। इनमें से दिसम्बर 2024 तक 23 हजार 565 लोग बीमारी को मात देकर स्वस्थ हो चुके हैं। जिसमें अल्मोड़ा जनपद में 701, बागेश्वर 353, चमोली 602, चम्पावत 345, देहरादून 4 हजार 834, हरिद्वार 6 हजार 248, नैनीताल 2 हजार 577, पौड़ी 1 हजार 1, पिथौरागढ़ 571, रूद्रप्रयाग 427, टिहरी 724, यूएस नगर 4 हजार 450 तथा उत्तरकाशी में 732 मरीज शामिल हैं, जोकि राज्य के लिये बड़ी उपलब्धि है।

डॉ. रावत ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत वर्ष 2024 हेतु भारत सरकार द्वारा प्रदेश में 28 हजार टीबी मरीजों के चिन्हिकरण का लक्ष्य दिया गया था। जिसके सापेक्ष प्रदेश में 29 हजार 319 टीबी मरीजों का चिन्हिकरण किया गया, जो लक्ष्य से काफी ज्यादा है। इसी प्रकार विभागीय प्रयासों और सामुदायिक सहभागिता के चलते प्रदेश में टीबी मरीजों की उपचार सफलता दर 90 प्रतिशत प्राप्त की गई। विभागीय मंत्री ने बताया कि टीबी मुक्त अभियान के तहत वर्ष 2024 में सर्वाधिक 28 हजार 523 टीबी मरीजों की एचआईवी जांच तथा 28 हजार 76 मरीजों की मधुमेह जांच भी की गई। उन्होंने बताया कि राज्य के सभी चिकित्सा इकाईयों में टीबी जांच एवं उपचार की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है। जिसमें ब्लॉक स्तर पर राज्य में 95 टीबी यूनिट तथा 157 जांच केन्द्र क्रियाशील हैं। इसके अलावा 115 ट्रूनॉट व 16 सीबीनॉट जांच सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।

डॉ. रावत ने बताया कि टीबी उन्मूलन के लिये भारत सरकार द्वारा वर्ष 2023 में प्रदेश की 1 हजार 424 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त पंचायत प्रमाणित किया है। जबकि वर्ष 2024 में राज्य की 2 हजार 77 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त पंचायत घोषित किये जाने हेतु भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है।

इस बीच स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि क्षय रोग उन्मूलन के तहत राज्य के आठ जनपदों में 100 दिवसीय टीबी उन्मूलन अभियान चलाया जा रहा है। जिसका शुभारम्भ 7 दिसम्बर 2024 को माननीय राज्यपाल द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि इस विशेष अभियान का मकसद अधिक से अधिक संख्या में टीबी मरीजों को चिन्हित करना है। अभियान के तहत अबतक 4.4 लाख लोगों की टीबी जांच की गई। जिसमें से 48 हजार लोगों का एक्स-रे परीक्षण किया गया। डॉ. रावत ने बताया कि इस अभियान में अबतक 3 हजार 183 लोगों में टीबी की पुष्टि की गई, जिन्हें उपचार दिया जा रहा है।