भाजपा की ओर से मामला निपटाने का कोई जाहिर प्रयास नहीं, वैसे रविवार को प्रेस क्लब जा सकती हैं महापौर अनीता ललित अग्रवाल

एम हसीन

रुड़की। मीडिया जगत के सूत्रों का कहना है कि महापौर अनीता ललित अग्रवाल रविवार को प्रेस क्लब जाकर मीडिया के घायल हुए सम्मान पर मरहम लगाने का काम कर सकती हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या नगर विधायक प्रदीप बत्रा भी उनके साथ प्रेस क्लब जायेंगे? दूसरी बात, दोनों जनप्रतिनिधि प्रेस का सम्मान कायम करने के लिए किस हद तक जाएंगे? कारण यह है कि मीडिया की मांग दोनों जन प्रतिनिधियों से माफी मांगने की है जबकि कम से कम नगर विधायक प्रदीप बत्रा माफी मांगने वाले आदमी नहीं हैं। वे इस विवाद के बीच एक बार प्रेस क्लब जा चुके हैं और तब भी उन्होंने माफी मांगने जैसी कोई बात नहीं की थी। नगर निगम बोर्ड की अगली बैठक में मीडिया की निर्बाध एंट्री का आश्वासन भी उन्होंने नहीं दिया था, ऐसा मौके पर मौजूद लोगों का कहना है। यही कारण है कि प्रेस क्लब पर प्रदीप बत्रा की विजिट के बावजूद मीडिया ने नगर विधायक और महापौर का बहिष्कार समाप्त नहीं किया है। इस बीच यह भी कमाल है कि भाजपा की ओर से भी इस विवाद को निपटाने का कोई सार्वजनिक प्रयास नहीं किया जा रहा है। पार्टी संगठन या अन्य पार्टी जन प्रतिनिधि पूरे मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। वरिष्ठ पार्टी नेताओं द्वारा दोनों पक्षों के एक मंच पर लाकर बात बनाने या किसी वरिष्ठ पत्रकार को मामला सुलटाने के लिए अप्रोच करने की कोई खबर अभी तक नहीं है।

गौरतलब है कि पिछली 3 मार्च को नगर निगम बोर्ड की पहली बैठक में नगर विधायक प्रदीप बत्रा ने मीडिया की एंट्री को बैन कर दिया था। बैठक में शिरकत की मांग कर रहे पत्रकारों को प्रदीप बत्रा ने धकियाकर बाहर कर दिया था और बैठक बंद कमरे में संपन्न हुई थी। पत्रकारों ने इस घटना के बाद नगर विधायक और महापौर का बहिष्कार करने का निर्णय लिया था। 4 मार्च को रुड़की आए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यक्रम का कवरेज भी स्थानीय मीडिया ने नहीं किया था। बाद में एक ओर पत्रकारों ने प्रदीप बत्रा का पुतला फूंककर अपना विरोध प्रदर्शन किया था, दूसरी ओर तमाम राजनीतिक व्यक्तियों और दलों के अलावा सामाजिक संगठनों ने भी मीडिया की मांग को जायज़ मानकर उनका समर्थन करने की घोषणा की थी। इस सबसे प्रदीप बत्रा थोड़ा दबाव में आए थे और वे 6 मार्च को प्रेस क्लब पहुंचे थे। उन्होंने वहां मौजूद पत्रकारों से वार्ता भी की थी और उनके साथ अपने पुराने संबंधों का हवाला देकर मामले को खत्म करने का आग्रह भी किया था। लेकिन दो कारणों से बात बन नहीं पाई थी। एक यह कि प्रदीप बत्रा अकेले प्रेस क्लब पहुंचे थे जबकि पत्रकारों की नाराजगी महापौर से भी है। दूसरी बात, प्रदीप बत्रा ने माफी नहीं मांगी थी, जबकि पत्रकार दोनों जन प्रतिनिधियों से खुली माफी की मांग कर रहे हैं।

इस बीच आज एक पत्रकार सूत्र ने बताया कि महापौर अनीता ललित अग्रवाल रविवार को प्रेस क्लब आ सकती हैं। लेकिन इस सूत्र ने यह नहीं बताया कि उनके साथ नगर विधायक भी होंगे या नहीं। अगर प्रदीप बत्रा भी उनके साथ होंगे तो क्या वे माफी मांग लेंगे? यह सवाल दरअसल इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रदीप बत्रा के भीतर लचक नहीं है। वे कदम आगे बढ़ाकर वापिस नहीं खींचते, बावजूद इस हकीकत के, कि उनकी इस अदा ने उनके राजनीतिक कैरियर को हमेशा नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ अपने व्यक्तिगत संबंधों के बावजूद आज जब राज्य कैबिनेट के एक्सपेंशन का चर्चा चल रहा है तब अगर बतौर भावी मंत्री प्रदीप बत्रा के नाम का कहीं चर्चा नहीं है तो इसका सबसे बड़ा कारण प्रदीप बत्रा के भीतर लचक का न होना ही है। दूसरी बात यह है कि अगर महापौर अकेले प्रेस क्लब जाती हैं तो वे किस हद तक पत्रकारों की मांग को स्वीकार करेंगी? जाहिर है कि निगम बोर्ड की बैठक भविष्य में भी होगी और बैठक में अपनी शिरकत पत्रकार चाहेंगे ही। महापौर इस मामले में पत्रकारों को आश्वासन देने की स्थिति में खुद को पाएंगी या नहीं, यह देखने वाली बात होगी।