सबके सामने अब कांग्रेस के पक्ष अधिकाधिक मतदान का लक्ष्य

नागरिक ब्यूरो, रुड़की। उप चुनाव तैयारियों के बीच इस बार सचिन पायलट मंगलौर नहीं आए; जो कि देश में कांग्रेस की गुर्जर राजनीति का सबसे बड़ा चेहरा हैं और जो मंगलौर में कांग्रेस प्रत्याशी क़ाज़ी निज़ामुद्दीन के सखा भी हैं। यह बहरहाल, क़ाज़ी निज़ामुद्दीन का अपना निर्णय था। लेकिन इसका कोई प्रभाव यहां कांग्रेस के अभियान पर शायद ही पड़ा हो। कारण यह है कि यहां क़ाज़ी निज़ामुद्दीन के पास अपनी गुर्जर टीम है जिसकी अगुवाई डा गौरव चौधरी कर रहे हैं। वे पहला चेहरा हैं जो टीम निज़ामुद्दीन का नगीना हैं। डा गौरव पूर्व विधायक चौधरी यशवीर सिंह के पुत्र हैं और खुद भी पूर्व दर्जाधारी हैं। चूंकि क़ाज़ी निज़ामुद्दीन गुर्जर समाज के बीच लोकप्रिय चेहरा नहीं हैं और भाजपा ने भी करतार सिंह भड़ाना के रूप में गुर्जर प्रत्याशी दिया है। इसलिए डा गौरव की जिम्मेदारियां काफी बढ़ गई हैं।

दलितों के बीच यूं तो क़ाज़ी निज़ामुद्दीन ने आरक्षित वर्ग से आने वाले नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य को भी बार उतारा और इसी वर्ग से आने वाली भगवानपुर विधायक ममता राकेश व ज्वालापुर विधायक रवि बहादुर को भी; लेकिन जो काम झबरेड़ा के विधायक वीरेंद्र जाती कर रहे हैं वह लासानी है। वीरेंद्र जाती मूल रूप से क़ाज़ी निज़ामुद्दीन का ही पौधा हैं और अभी तक उनकी निष्ठा पूरे तौर पर क़ाज़ी निज़ामुद्दीन में दिखाई दे रही है। इस चुनाव में जी जान से जुटे हुए हैं। उनका लक्ष्य अधिकतम दलित वोट कांग्रेस को दिलाना है।

इस कड़ी का तीसरा नाम पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि डा शमशाद हैं। वे बिरादरी से तेली हैं और उन्हें अपनी बिरादरी का लोकप्रिय चेहरा माना जाता है। 2022 में वे बसपा में थे और क़ाज़ी निज़ामुद्दीन के समर्थकों का मानना है कि उन्होंने ही सरवत करीम अंसारी को विधायक बनाया था। वैसे पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष हाजी इस्लाम के रूप में यहां कांग्रेस के पास अपना तेली चेहरा भी है लेकिन वह बिरादरी में ज्यादा प्रभावी नहीं हुआ था इसीलिए बसपा से तोड़कर डा शमशाद को लाया गया है। चुनाव के अंतिम दौर में बसपा के लक्सर विधायक व प्रदेश के सबसे बड़े तेली नेता हाजी मुहम्मद शहजाद के बसपा प्रत्याशी उबेदुर्रहमान अंसारी उर्फ मोंटी के साथ आ जाने के बाद क़ाज़ी की टीम में डा शमशाद की अहमियत और अधिक बढ़ गई है। अहम यह है कि वे क़ाज़ी निजामुद्दीन के साथ निष्ठा रखते हुए चुनाव प्रचार में जुटे रहे।