अदालत से पर्चा बहाल कराकर चौधरी इस्लाम को दिया चुनाव लड़ने का मौका, जनता की इच्छा का किया सम्मान

एम हसीन

मंगलौर। मंगलौर नगर पालिका अध्यक्ष पद के कांग्रेस प्रत्याशी चौधरी इस्लाम का पर्चा बहाली का संघर्ष दो सप्ताह से अधिक समय तक चला और जब पर्चा बहाल हो गया तो मंगलौर के कांग्रेस विधायक क़ाज़ी निज़ामुद्दीन ने अपनी फेस-बुक वाल पर लिखा “सत्यमेव जयते।” उन्होंने अदालत का शुक्रिया अदा किया और अपने संघर्ष की सफलता पर संतोष प्रकट किया।

जैसा कि सब जानते हैं कि मंगलौर में नगर पालिका अध्यक्ष पद के कांग्रेस प्रत्याशी चौधरी इस्लाम एक सीधे-सरल व्यक्ति हैं। वे स्थानीय विधायक क़ाज़ी निज़ामुद्दीन के समर्थक और अनुयायी हैं। वे मंगलौर में हमदर्दी की निगाह से देखे जा रहे हैं, क्योंकि वे लंबी और जानलेवा बीमारी के खिलाफ संघर्ष करके, उसे हराकर आए हैं। इस सबके बावजूद उनका कद इतना नहीं है कि राज्य व केंद्र सरकार पर काबिज भाजपा उनसे कोई दिक्कत महसूस करे। लेकिन क़ाज़ी निज़ामुद्दीन का कद और वजूद बेशक इतना ही है। वे केवल मंगलौर में चौथी बार जीते विधायक ही नहीं बल्कि दिल्ली प्रदेश के कांग्रेस प्रभारी भी हैं। साथ ही वे राहुल गांधी की टीम का हिस्सा भी हैं। बेशक उनका वजूद इतना है कि वे भाजपा को अखरें। वे अखरते भी हैं। यह सबने हाल के मंगलौर के विधानसभा उप-चुनाव में देखा था, जब क़ाज़ी निज़ामुद्दीन को विधानसभा में जाने से रोकने के लिए राज्य सरकार ने जबरदस्त राजनीतिक-प्रशासनिक घेराबंदी की थी।

ऐसी परिस्थितियों में जब चौधरी इस्लाम का पर्चा खारिज हुआ तो, इंसानियत के नाते ही सही, क़ाज़ी निज़ामुद्दीन के दिमाग पर इस बात का दबाव आना लाजमी था कि ज्यादती केवल उनके ही साथ नहीं बल्कि उनके समर्थकों के साथ भी हो रही है। यही कारण है कि पहले वे इस पर्चा बर्खास्तगी के खिलाफ खुलकर बोले, उन्होंने इसका विरोध किया और विरोध में कानूनी मदद लेने का ऐलान किया। वे चौधरी इस्लाम को लेकर बीच चुनाव प्रक्रिया ही उच्च न्यायालय गए जहां उनकी पहली याचिका स्वीकार नहीं हुई। फिर रिवीजन बेंच में दूसरी याचिका दायर की गई जो स्वीकार भी हुई और उसपर ऐसा आदेश भी हुआ कि जिससे चौधरी इस्लाम को राहत मिली। अगर मंगलौर की जनता चौधरी इस्लाम को कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ते हुए देखना चाहती थी तो क़ाज़ी निज़ामुद्दीन ने जनता की इच्छा पूरी करने के लिए संघर्ष किया। वे दिल्ली विधानसभा चुनाव में व्यस्त होने के बावजूद चौधरी इस्लाम मामले को लेकर जागरूक रहे और आखिरकार जीतकर आए।अब चुनाव जारी है। चौधरी इस्लाम जनता के बीच हैं और जाहिर है कि अब जो भी फैसला करना है, जनता ने करना है। क़ाज़ी निज़ामुद्दीन अपने ज़हन से बोझ उतार चुके हैं।