राहत न मिली तो होगा नए प्रत्याशी का चयन : क़ाज़ी निज़ामुद्दीन

एम हसीन

मंगलौर। नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस प्रत्याशी चौधरी इस्लाम के नामांकन को निरस्त करने की रिटर्निंग अधिकारी की कार्यवाही के खिलाफ कांग्रेस अदालत जाने की तैयारी कर रही है। स्थानीय कांग्रेस विधायक क़ाज़ी निज़ामुद्दीन ने ऐसी तैयारी की पुष्टि की है। उन्होंने कहा है कि चौधरी इस्लाम को राहत दिलाने के लिए उनके वकील अदालत का दरवाजा खटखटाने की सम्भावना पर विचार कर रहे हैं।

गौरतलब है कि इस नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस के प्रत्याशी, पूर्व नगर पालिका परिषद अध्यक्ष चौधरी इस्लाम का नामांकन निर्वाचन आयोग के स्थानीय पीठासीन अधिकारी ने निरस्त कर दिया था। आरोप है कि चौधरी इस्लाम ने नजूल की सम्पत्ति पर अवैध रूप से कब्जा कर भवन का निर्माण किया हुआ है। यह ध्यान रखे जाने लायक बात है कि नजूल की संपत्ति का नगर क्षेत्र में कस्टोडियन नगर पालिका परिषद ही होती है और नगर पालिका समेत जन-सरोकारों से जुड़े सरकारी विभागों का अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के बाद ही कोई आवेदक अपना नामांकन पत्र प्रस्तुत करता है। चौधरी इस्लाम ने भी अपने नामांकन के साथ नगर पालिका परिषद का अनापत्ति प्रमाण-पत्र संलग्न किया है। इसके बावजूद उनका नामांकन निरस्त कर दिया गया है। ऐसे में सवाल यह खड़ा हो गया है कि नगर पालिका परिषद ने संबंधित अनापत्ति प्रमाण-पत्र कैसे जारी कर दिया। जाहिर है कि यह अलग से जांच का विषय है।

बहरहाल, यह आपत्ति चौधरी इस्लाम के नामांकन पत्र पर उनके राजनीतिक प्रतिद्वंदियों द्वारा लगाई गई थी, जिसपर पीठासीन अधिकारी ने सुनवाई की और नामांकन खारिज कर दिया। इस कार्यवाही को गलत बताते देते हुए क़ाज़ी निज़ामुद्दीन ने प्रेस को दिए अपने बयान में कहा था कि चौधरी इस्लाम 2003 से लगातार निकाय चुनाव की राजनीति से जुड़े हुए हैं। सबसे पहली बार वे निर्विरोध सभासद निर्वाचित हुए थे, फिर अध्यक्ष का चुनाव लड़े थे, फिर अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे और फिर अध्यक्ष का चुनाव हारे थे। बताया जाता है कि सम्बंधित आपत्ति हर बार उनके खिलाफ लगाई जाती रही है और हर बार आपत्ति खारिज होती रही है। लेकिन इस बार आपत्ति नहीं बल्कि नामांकन खारिज हुआ है।

पूरे प्रकरण पर “परम नागरिक” के साथ बातचीत करते हुए काजी निजामुद्दीन ने आज सुबह कहा कि कांग्रेस इस पूरे मामले को कानूनी नुक्ता निगाह से देख रही है और ऐसी कोई संभावना तलाश करने की कोशिश की जा रही है जिसके तहत कोई कानूनी राहत चौधरी इस्लाम को मिल सकती हो। उन्होंने कहा कि उनके वकील इस विषय में लगातार मंथन कर रहे हैं और अगर कोई कानूनी नुक्ता सामने आता है तो अदालत का दरवाजा खटखटाया जाएगा, अन्यथा हाई कमान के निर्देश और चौधरी इस्लाम की सहमति के आधार पर किसी और प्रत्याशी की संभावना पर गौर किया जाएगा।