चौधरी इस्लाम के मुकाबले दूसरी-तीसरी सूची में भी नहीं दिया प्रत्याशी

एम हसीन

मंगलौर। मुस्लिम बहुल निकायों के मामले में “परम नागरिक” द्वारा सवाल उठाए जाने के बाद भाजपा ने रामपुर और पाडली में प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। उपरोक्त घोषणा दूसरी सूची में की गई है। इसके अनुसार पाडली में चांदनी को पार्टी प्रत्याशी बनाया गया है और रामपुर में परवेज आलम को। दोनों ही प्रत्याशियों का कोई बड़ा पॉलिटिकल पोर्टफोलियो सामने नहीं आया है। इसके बाद तीसरी सूची में पार्टी ने लंढौरा नगर पंचायत पर कुलदीप सिंह को प्रत्याशी घोषित किया है। कुलदीप सिंह जिला सहकारी बैंक के निवर्तमान अध्यक्ष प्रदीप चौधरी के भाई हैं।

बहरहाल, मंगलौर को लेकर पार्टी ने यह समाचार लिखे जाने तक भी कोई निर्णय नहीं लिया था। यहां अभी भी प्रत्याशी की घोषणा का इंतजार है। हालांकि पार्टी प्रवक्ता मनवीर सिंह ने खास मंगलौर का नाम उन निर्वाचन क्षेत्रों में शामिल करके बयान दिया है जहां पार्टी किसी सहयोगी दल अथवा जीत सकने वाले निर्दलीय को चुनाव लड़ाने का इरादा बना रही है। मनवीर सिंह का उपरोक्त बयान ई टी वी की फेसबुक वाल से लिया गया है। उपरोक्त बयान के बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या भाजपा मंगलौर में स्थानीय कांग्रेस विधायक क़ाज़ी निज़ामुद्दीन से खौफजदा है? ध्यान रहे कि कांग्रेस ने इस सीट पर चौधरी इस्लाम को अपना प्रत्याशी बनाया है। उनकी स्थिति बेहद मजबूत मानी जा रही है। इसी कारण समझा यह जा रहा है कि यहां भाजपा चुनाव से कतरा कर निकल जाना चाहती है।

ऐसा अगर है तो यह बेवजह नहीं है। सब जानते हैं कि पिछले जून में मंगलौर में विधानसभा का चुनाव हुआ था। तब भाजपा ने पूर्व मंत्री करतार सिंह भड़ाना को अपना प्रत्याशी बनाया था और पूरी ताकत के साथ उप-चुनाव लड़ा था। लेकिन पार्टी जीत नहीं पाई थी। खासतौर पर मंगलौर नगर में पार्टी को महज पौने चार हजार वोट मिले थे, जबकि यहां का कुल मतदान 45 हजार से अधिक है और तब 65 प्रतिशत के करीब मतदान हुआ था। जाहिर है कि कुल डाले गए मतों में सबसे बड़ा हिस्सा क़ाज़ी निज़ामुद्दीन को मिला था और दूसरे नंबर पर बसपा के मोंटी रहे थे। अपने इसी प्रदर्शन को देखते हुए संभवतः भाजपा यहां कांग्रेस का खौफ खा रही है। यहां प्रत्याशी घोषित न किए जाने का और कोई कारण समझ में नहीं आ रहा है।