महानगर में कांग्रेस के पास पिछड़ा चेहरों का दिख रहा भारी अभाव

एम हसीन

रुड़की। मेयर पद आरक्षित हुआ तो कांग्रेस की राजनीति के हिसाब से झबरेड़ा नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष डॉ गौरव चौधरी की यहां महत्वपूर्ण भूमिका हो जाएगी। हालांकि अभी तक किसी भी मंच पर डॉ गौरव चौधरी को मेयर पद के भावी कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में नहीं देखा गया है। लेकिन आरक्षण के बाद कांग्रेस के सामने पैदा होने वाली मजबूरियां उन्हें राजनीति के केंद्र में ला सकती हैं। खास तौर पर इसलिए कि कांग्रेस के पास पिछड़ा दावेदारों की सूची बहुत लंबी नहीं है।

गौरतलब है कि डॉ गौरव चौधरी नगर पंचायत के अध्यक्ष रह चुके हैं और फिलहाल वे कांग्रेस पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष हैं। इकबालपुर के दो बार विधायक रहे चौधरी यशवीर सिंह के पुत्र डॉ गौरव चौधरी वैसे तो 2012 में एक बार मंगलौर विधानसभा सीट पर लोकदल प्रत्याशी के रूप में विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं, लेकिन पिछले वर्षों में उन्होंने कांग्रेस की राजनीति पूरे ठहराव और निष्ठा के साथ की है। बेशक उनकी गतिविधियां झबरेड़ा नगर पंचायत में भी लगातार जारी हैं लेकिन पार्टी की राजनीति को ऊपरी स्तर पर उन्होंने रुड़की महानगर क्षेत्र में बैठकर ही साधा है। पार्टी के अधिकांश आयोजन, खास तौर पर राजेंद्र चौधरी के महानगर अध्यक्ष बनने के बाद, पिछले वर्षों में उन्हीं के प्रतिष्ठान होटल रॉयल पैलेस में हुए हैं और पार्टी का ऐसा कोई बड़ा पदाधिकारी नहीं जो पिछले वर्षों में उनके व्यक्तिगत संपर्क में नहीं आया हो। उन्होंने दिल्ली प्रदेश के पार्टी प्रभारी, मंगलौर विधायक काजी निजामुद्दीन और उनके धुरविरोधी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बीच पूरी कामयाबी के साथ अपने लिए एक समान स्थान सुरक्षित रखा है।

मेयर पद आरक्षित होने के बाद जब रुड़की में कांग्रेस प्रत्याशी तलाश करने के लिए निकलेगी तो हरीश रावत-क़ाज़ी निज़ामुद्दीन दोनों ही के सामने विकल्पहीनता की जो स्थिति पैदा होगी उसे पूरा करने के लिए दोनों के ही पास डॉक्टर गौरव चौधरी सबसे सशक्त विकल्प के रूप में सामने आएंगे। ऐसा इसलिए है क्योंकि कांग्रेस महानगर क्षेत्र में पिछड़ा राजनीति को पनाह नहीं देती। भले ही उसके महानगर अध्यक्ष राजेंद्र चौधरी एडवोकेट पिछड़े वर्ग से आते हों लेकिन महानगर में पिछड़ा चेहरों की पार्टी के पास भारी कमी देखने में आती है। कुछ पिछड़ा चेहरे अगर पार्टी के पास हैं भी तो वे निष्क्रिय होकर अपने घर बैठे हैं। वैसे तो मेयर पद पर आरक्षण लागू होने के बाद यहां पत्रकार सुभाष सैनी और जितेंद्र सैनी के अलावा खुद राजेंद्र चौधरी पार्टी टिकट के दावेदार हैं। जाहिर है कि पार्टी को इन्हीं सीमित विकल्पों में कोई एक विकल्प चुनना होगा और विकल्प वही बनेगा जिसके पास पद, कद और संसाधन होंगे। ऐसे चेहरों में डॉ गौरव चौधरी भी एक होंगे।