इस बार अध्यक्ष पद के अनारक्षित रहने की संभावना
एम हसीन
पीरान कलियर। आध्यात्मिक आस्था का केंद्र मानी जाने वाली इस बार पंचायत में इस बार अध्यक्ष पद के अनारक्षित रहने की संभावना आकार ले रही है। बेशक यहां बड़े चेहरों की अपनी भूमिका रहेगा लेकिन हालात का इशारा यह है कि इस बार भाजपा इस मुस्लिम बहुल सीट पर भी किसी को, खासतौर पर कांग्रेस और बसपा को वॉक ओवर देने के लिए चुनाव नहीं लड़ने जा रही है।
गौरतलब है कि 2018 में इस नगर पंचायत में कांग्रेस ने अपने टिकट पर प्रत्याशी नहीं लड़ाया था और भाजपा के लिए यहां प्रत्याशी लड़ाने की गुंजाइश नहीं थी। कारण यहां गैर-मुस्लिम वोट आटे में नमक के बराबर हैं और जो हैं भी वे बसपा का वोट बैंक माने जाते हैं। यही कारण है कि बसपा ने यहां कलियर के पूर्व प्रधान सलीम अहमद को अपना प्रत्याशी बनाया था। सलीम अहमद बसपा के मौजूदा विधायक है हाजी मुहम्मद शहजाद के बहनोई हैं। हाजी शहजाद ने 2012 का विधानसभा चुनाव यहां बसपा के टिकट पर और 2017 का बतौर निर्दलीय लड़ा था और वे यहां अपना प्रभाव रखते हैं। तब सलीम अहमद कांग्रेस समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी सखावत अली के मुकाबले हार गए थे। सखावत अली बेडपुर के पूर्व प्रधान शफ़क़्क़त अली के पिता हैं। उन्हें स्थानीय कांग्रेस विधायक हाजी फुरकान अहमद का समर्थन मिला था। तब यहां उल्लेखनीय प्रत्याशी अकरम अली, राव इरफान अली, राशिद कुरैशी आदि थे। उम्मीद यह है कि इस बार भी यहां ये सब लोग मैदान में आएंगे। इनके अलावा जो प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे उनमें एक उल्लेखनीय नाम निवर्तमान सभासद नाजिम त्यागी का है।एक बड़ा बदलाव इस बार के चुनाव में यह देखने को मिल सकता है कि भाजपा यहां किसी और दल के प्रभाव का चेयरमैन न बनने दे। यहां यह जान लेना जरुरी है कि यहां स्थानीय विधायक हाजी फुरकान अहमद, बसपा के लक्सर विधायक हाजी मुहम्मद शहजाद के अलावा रुड़की के ब्लॉक प्रमुख राव काले खां का भरपूर प्रभाव नजर आने वाला है। इनमें राव काले खां भाजपा की राजनीति करते हैं और न केवल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष रह चुके हैं बल्कि फिलहाल हज समिति के सदस्य भी हैं।
जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि यहां के डेमोग्राफ के चलते यहां भाजपा सीधे-सीधे अपना प्रत्याशी लेकर चुनाव नहीं लड़ सकती। इसलिए उसके पास यह विकल्प होगा कि वह मैदान में आने वाले किसी भी ऐसे प्रत्याशी को अपना नैतिक और राजनैतिक समर्थन दे दे जो मुकाबले की स्थिति का हो। लेकिन इस मामले में भी यह महत्वपूर्ण होगा कि भाजपाई यहां आपसी एकता का प्रदर्शन करें। बहरहाल, आसन्न चुनाव में यहां का अखाड़ा दिलचस्प रूप से सजा हुआ दिखाई दे तो ताज्जुब नहीं होना चाहिए।

