अपराधियों की मदद एवं साथ देना भी अपराध है, जिस जिस का नाम सामने आएगा जेल जाना तय : एसएसपी
संवाद सहयोगी
रुड़की। पिछले 11 अक्टूबर को रोशनाबाद जेल से फरार कैदियों को संरक्षण देने के आरोप में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है। इस बीच जिलाधिकारी ने कैदियों की फरारी मामले की न्यायिक जांच डिप्टी कलेक्टर मनीष सिंह को सौंपी है। इस मामले में एस एस पी प्रमेंद्र डोभाल ने कहा है कि अपराधियों की मदद करने या उन्हें संरक्षण देने वालों को बक्शा नहीं जायेगा। जांच में जिसका भी नाम उजागर होगा, उसे जेल जाना ही पड़ेगा।
गौरतलब है कि पिछली 11 अक्टूबर को जिला जेल से पंकज व रामकुमार नामक दो कैदी जिला जेल रोशनाबाद से उस समय फरार हो गए थे जब जेल परिसर में रामलीला का मंचन हो रहा था। दोनों ही कैदियों पर दोष सिद्ध हो चुका है और वे अपनी सजा काट रहे थे। उपरोक्त मामले में प्रभारी जेल प्यारेलाल आर्य ने सिडकुल थाने पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। एस एस पी प्रमेंद्र डोभाल ने मामले का तत्काल संज्ञान लेते हुए दोनों कैदियों को गिरफ्तार करने के लिए 10 टीमों का गठन किया था। दूसरी ओर जेल प्रशासन ने पूरे मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में 5 अधिकारी-कर्मचारियों को निलंबित कर दिया था। इस बीच मामले की विवेचना के दौरान थाना सिडकुल प्रभारी ने।पाया कि फरार कैदियों को लेबर कॉलोनी सेक्टर 2, भेल थाना रानीपुर निवासी सुनील पुत्र बालेश उम्र चालीस वर्ष ने यह जानकारी होने के बावजूद भी पनाह दी गई थी कि वे फरार कैदी हैं। परिणाम स्वरूप उसे गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार करने वाली टीम में थानाध्यक्ष मनोहर सिंह भंडारी, कांस्टेबल विजय नेगी सिंह व महिला कांस्टेबल सुमन शामिल रहे।