युवा कांग्रेस द्वारा आयोजित न्याय सम्मेलन में बोले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत

 

रुड़की। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि उत्तराखंड में हजारों सरकारी पद रिक्त पड़े हुए हैं। इसके अलावा केंद्र में करीब 30 लाख पद रिक्त पड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि 2024 के संसदीय चुनाव में अगर इंडिया गठबंधन सत्ता में आता है तो एक साल के भीतर इन सभी पदों पर युवाओं को नियुक्त किया जाएगा। हरीश रावत यहां मालवीय चौक पर युवा कांग्रेस अध्यक्ष सचिन चौधरी द्वारा आयोजित युवा न्याय सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। हरिद्वार संसदीय सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र रावत के पक्ष में जनसंपर्क करने के लिए उपरोक्त आयोजन किया गया था। हरीश रावत ने कांग्रेस की न्याय गारंटी योजना पर विस्तार से चर्चा की और हर पक्ष के लिए उल्लेखनीय प्रावधानों का जिक्र किया। साथ उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार की जमकर आलोचना की और कहा कि डबल इंजन की सरकार जनहितों की रक्षा करने में नाकाम रही है। युवा न्याय सम्मेलन में सभी वर्गों के युवाओं की उल्लेखनीय संख्या से हरीश रावत ने कार्यक्रम आयोजन युवा कांग्रेस अध्यक्ष सचिन चौधरी की मुक्त कंठ से प्रशंसा की और उन्हें मंच से ही प्रमोट करते हुए कहा कि राजनीति में उनका भविष्य उज्जवल है और वे बहुत ऊपर तक जाएंगे।

पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और चकराता विधायक प्रीतम सिंह ने इस अवसर पर कहा कि देश की जनता अब बदलाव चाहती है और वह इंडिया गठबंधन को उम्मीद भरी नजर से देख रही है। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन जन अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए कोई भी आहुति देने के लिए भी तैयार है। प्रत्याशी वीरेंद्र रावत ने उपस्थित युवाओं को विश्वास दिलाया कि चुनाव के बाद वे क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए काम करेंगे और युवा व महिलाएं उनकी प्राथमिकता पर होंगी। सम्मेलन को भगवानपुर विधायक ममता राकेश, कलियर विधायक फुरकान अहमद आदि ने भी संबोधित किया। संचालन सचिन चौधरी ने किया और इस अवसर पर पूर्व प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष डॉ संजय पालीवाल, पूर्व मेयर यशपाल राणा, हज कमेटी के पूर्व अध्यक्ष हाजी राव शेर मोहम्मद, युवा नेता सुधीर शांडिल्य आदि सहित सैकड़ों की संख्या में पार्टी पदाधिकारी और युवा उपस्थित थे। अपने संबोधन में सचिन चौधरी ने वीरेंद्र रावत और वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं को भरोसा दिलाया कि वे इस संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस को विजयी बनाकर भेजेंगे।