व्यापक राष्ट्रीय हितों के अनुरूप लें मतदान का निर्णय
नागरिक ब्यूरो, रुड़की। राज्य अल्पसंख्यक कांग्रेस के पूर्व चेयरमैन और वरिष्ठ कांग्रेस नेता हाजी सलीम खान ने सभी अहले मुल्क को ईद की मुबारकबाद पेश की है और उम्मीद जताई है कि सब अमनो चैन बरकरार रहा। उन्होंने मजीद कहा कि वोटिंग व्यक्ति का अधिकार ही नहीं बल्कि कर्तव्य भी है। राष्ट्र में स्वस्थ लोकतंत्र की रक्षा के लिए मतदान का होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मतदान व्यापक हितों के मद्देनजर बहुत सोच विचारकर किया जाना चाहिए।
“मतदान राष्ट्रीय कर्तव्य” विषयक प्रश्न पर उन्होंने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है जहां लोगों को अधिकाधिक मतदान के प्रति प्रेरित और जागरूक करने के उद्देश्य से चुनाव आयोग का अभियान चलता रहता है। यह अभियान बेवजह नहीं है। यह सच है कि लोकतंत्र भारत की आत्मा में बसा हुआ तत्व है। लेकिन अक्सर कुछ लोग इसे सर्वोच्च प्राथमिकता नहीं दे पाते। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए। मतदान कोई दैनिक होने वाला काम नहीं है जिसे नजर अंदाज किया जाए। हर सरकार, चाहे वह स्थानीय हो या राष्ट्रीय, का कार्यकाल पांच साल का होता है। इस दृष्टिकोण से एक सरकार के गठन के लिए पांच साल में एक बार मतदान का अवसर आता है और ग्रामीण या नगरी क्षेत्र में तीन, लोकसभा, विधानसभा व ग्रामीण या नगर निकाय, के चुनाव का अवसर आता है। अर्थात 5 साल में केवल तीन दिन मतदान के लिए निकालने होते हैं। क्या हम इतना समय भी अपने राष्ट्रीय कर्तव्य को पूरा करने में नहीं लगा सकते? आगे उन्होंने कहा कि यह ज्यादा मुश्किल काम नहीं है।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि मतदान किसके पक्ष में करना है यह मतदाता का अपना अधिकार होता है, लेकिन इस अधिकार का इस्तेमाल भावना के तहत नहीं बल्कि विवेक के तहत होना चाहिए। लोकसभा चुनाव के लिए मतदान में व्यापक राष्ट्रीय हितों को प्रधानता दी जानी चाहिए। स्थानीय मुद्दों पर विधानसभा या पंचायत चुनाव में निर्णय लिया जा सकता है लेकिन लोकसभा चुनाव में जहां तक हो सके राष्ट्रीय मुद्दों पर ही मतदान हो। उन्होंने कहा कि बेशक वे कांग्रेसी हैं और कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र रावत के लिए वोट मांग रहे हैं। वे चाहेंगे कि समग्र समाज वीरेंद्र रावत को अपना समर्थन दे और उन्हें चुनकर लोकसभा में भेजे। उन्होंने कहा कि वीरेंद्र रावत सुलझे हुए दिमाग के युवा हैं जिन्हें राजनीति विरासत में मिली है। उनसे बिलकुल अपेक्षा की जा सकती है कि वे व्यापक राष्ट्रीय हितों के अनुरूप कार्य करेंगे।