भूप सिंह का भाजपा टिकट पर दावा कितना मजबूत?

एम हसीन

रुड़की। पूर्व जिला पंचायत सदस्य और भाजपा हरिद्वार जिला संगठन में महामंत्री भूपसिंह बहुत शांति और सब्र के साथ राजनीति करने के आदी हैं। वे जनता के साथ स्थाई संबंधों में विश्वास करते हैं और पांच साल तक जन-संपर्क कायम रखते हैं। दौर चुनावी हो तो भी उनकी इस कार्यशैली में बहुत अधिक बदलाव नहीं आता। मसलन, इस बार भी वे ज्वालापुर सीट पर भाजपा टिकट के प्रबल दावेदार हैं, लेकिन उनका दावा इस बार भी खामोश ही है। कर वे सबकुछ रहे हैं, पार्टी नेताओं से भी मिल रहे हैं, पार्टी के लिए कार्यक्रम भी कर रहे हैं और जन-संवाद भी कर रहे हैं, लेकिन कर खामोशी से ही रहे हैं। सवाल यह है कि पार्टी उनके दावे को कितनी गंभीरता से लेगी? क्या उन्हें उम्मीदवार बनाएगी?

गौरतलब है कि ज्वालापुर विधानसभा सीट 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी। यहां भाजपा के टिकट पर पहला चुनाव चंद्रशेखर प्रधान ने लड़ा और जीता था। लेकिन 2017 के चुनाव में उन्होंने टिकट लेने से इनकार कर दिया था। तब पार्टी ने सुरेश राठौर को प्रत्याशी बनाया था जो कि जीत गए थे। लेकिन 2022 में वे अपना कार्यकाल दोहरा नहीं पाए थे। उन्हें कांग्रेस के रवि बहादुर ने हरा दिया था। बाद में भाजपा से निष्कासित भी कर दिए थे। इसी घटनाक्रम के बाद यहां किसी नए चेहरे को टिकट देने की भाजपा के सामने स्थिति पैदा की हुई है। स्वाभाविक रूप से इस सीट पर भी भाजपा टिकट के दावेदारों की कतार लंबी है। इन्हीं में एक नाम भूपसिंह का भी है।

भूपसिंह, जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है, फिलहाल भाजपा के जिला संगठन में महामंत्री हैं। वे बतौर निर्दलीय जिला पंचायत चुनाव जीतते रहे हैं। वे निचले स्तर पर जनता के साथ तालमेल बनकर रखते हैं और उनकी आमतौर पर खुशमिजाजी इस मामले में खासी मदद करती आई है। उनका यह मिजाज अभी भी कायम है और इससे पार्टी के तमाम पदाधिकारी और कार्यकर्ता भली प्रकार वाकिफ भी हैं। यही कारण है कि उनकी पहचान एक समर्पित राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में ऊपर तक पार्टी में कायम है। इस संवाददाता के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि वे बेशक भाजपा का विधानसभा टिकट मांग रहे हैं और अपने कामकाज के भरोसे उन्हें पूरा विश्वास है कि पार्टी उन्हें टिकट देगी। उन्होंने कहा कि वे 2027 में चुनाव जीतकर पार्टी को इस सीट का तोहफा देना चाहते हैं।