गंगा आरती शुभारंभ अवसर पर करेंगी रुड़की में मुख्यमंत्री की अगवानी
एम हसीन
रुड़की। रुड़की में मेयर के लिए अनीता ललित अग्रवाल को मिला भाजपा टिकट पहले ही महानगर की राजनीति का गेम चेंजर साबित हो चुका है। उत्तराखंड के इतिहास में भाजपा प्रत्याशी के रूप में उनकी जीत ने बदली हुई राजनीतिक खेल परस्थिति का प्रमाण दिया था। और अब एक बार फिर मेयर इसका भरपूर प्रदर्शन करने जा रही हैं। वे राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मेजबानी का गौरव हासिल करने जा रही हैं। दिन होगा 30 मार्च का और मौका होगा हिन्दू नववर्ष की शुरुआत पर गंगा के किनारे लक्ष्मी नारायण मंदिर पर गंगा आरती के शुभारंभ होने का। इस विषय में नगर आयुक्त राकेश तिवारी ने आज मेयर अनीता ललित अग्रवाल और मेयर प्रतिनिधि ललित मोहन अग्रवाल की उपस्थिति में पार्षदों एवं अन्य लोगों को विधिवत और आधिकारिक रूप से जानकारी प्रदान की।
गौरतलब है कि मेयर अनीता ललित अग्रवाल ने पिछले सप्ताह गंग नहर तट का निरीक्षण किया था। उनका विचार यहां स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर पर दैनिक गंगा आरती कार्यक्रम का शुभारंभ करने का था। वैसे गंगा के इन घाटों के पुनरुद्धार और यहां की पवित्रता बहाल करने का काम 2010-11 में तत्कालीन विधायक सुरेश जैन ने उस समय किया था जब डॉ रमेश पोखरियाल निशंक राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। लेकिन नगर निगम अपने स्तर पर घाटों का रख-रखाव और साफ-सफाई करता आ रहा था।
और अब अनीता ललित अग्रवाल ने गंगा की दैनिक आरती के लिए हिन्दू नवसंवत्सर को चुना और इसके लिए प्रथम नवरात्र का दिन तय किया। इसके लिए प्रशासनिक तैयारियां की और अब उनके द्वारा कॉन्फ्रेंस कर बताया गया है कि इस अवसर के साक्षी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी बनेंगे अर्थात वे ही इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे। मुख्यमंत्री का आगमन अनीता ललित अग्रवाल के लिए निश्चित रूप से एक बड़ी उपलब्धि और महानगर की राजनीति को एक नई दिशा देने वाला साबित होगा। इससे यह स्पष्ट होगा कि महानगर में अब राजनीतिक सत्ता का असल वाहक कौन है!
जहां तक मुख्यमंत्री का सवाल है, वे पहले भी रुड़की आते रहे हैं लेकिन अभी तक उनकी अगुवानी या नगर विधायक प्रदीप बत्रा करते रहे हैं या संगठन के रुप में भाजपा या फिर किसी सरकारी कार्यक्रम में जिला प्रशासन के अधिकारी। हाल ही में “विकसित भारत, विकसित उत्तराखंड” प्रदर्शनी संयोजक के रूप में राज्यसभा सांसद डॉ नरेश बंसल ने यहाँ मुख्यमंत्री की अगवानी की थी। अनीता ललित अग्रवाल को मेयर बने हुए हालांकि अभी बहुत अधिक समय नहीं हुआ है और उन्हें पद की शपथ ग्रहण किए हुए महज दो महीने हुए हैं। ऐसे में यह पहला असर होगा जब वे मुख्यमंत्री की मेजबानी करेंगी। इससे पूर्व उन्हें नगर में उन्हें मेयर का टिकट मिलना भी गेम चेंजर रहा था, क्योंकि इससे नगर में भाजपा की राजनीति बड़े-बड़े सूरमा किनारे हो गए थे। फिर उनका जीतकर आना भी बड़ी उपलब्धि थी क्योंकि उत्तराखंड के इतिहास में उनसे पहले भाजपा का कोई निकाय प्रमुख प्रत्याशी यहां जीत नहीं पाया था। और अब मुख्यमंत्री की मेजबानी। अहमियत इस बात की है कि कार्यक्रम घोषणा के लिए आयोजित बैठक से लेकर उस पोस्टर तक में विधायक की भी उपस्थिति औपचारिक ही है जो कि इस संबंध में जारी हुआ है। इसी कारण यह माना जा रहा है कि निश्चित रूप से मेयर की यह उपलब्धि नगर की राजनीति के चेंज को और अधिक मुखर करने वाली साबित होगी।