अनीता देवी अग्रवाल के लिए सपत्नीक चुनाव प्रचार कर रहे प्रदीप बत्रा
एम हसीन
रुड़की। यह मसला अहम नहीं है कि नगर विधायक प्रदीप बत्रा के विषय में नगर के लोग क्या कह रहे हैं या खुद प्रदीप बत्रा के निकट रहने वाले लोग क्या कर रहे हैं। अहम मसला यह है कि प्रदीप बत्रा के लिए कैबिनेट का हिस्सा बनना बड़ी बात होगी, अगरचे वे यह उपलब्धि हासिल कर पाए। बहरहाल, उनका इसके प्रति आकर्षण तो है ही। यही आकर्षण उन्हें न केवल खुद दिनरात चुनाव प्रचार में व्यस्त रखे हुए है बल्कि उनकी पत्नी मनीषा बत्रा भी अनीता देवी अग्रवाल के व्यक्तित्व को, उनके गुणों को परिभाषित करने में जुटी हुई हैं। बताया तो यहां तक जाता है कि प्रचार के लिए वे अपनी उस गाड़ी में बैठकर जा रहे हैं जो उन्होंने हाल ही में खरीदी है और जिसकी कीमत एक जानकर ने एक करोड़ पचपन लाख रुपए बताई है।
प्रदीप बत्रा नगर की राजनीति का सबसे प्रभावशाली चेहरा हैं यह हकीकत है। केवल इसलिए नहीं कि वे नगर विधायक हैं बल्कि इसलिए भी कि वे भाजपा के खिलाफ खड़े निर्दलीय प्रत्याशी को भी मेयर बनाने का काम कामयाबी के साथ करके दिखा चुके हैं और यह महज 5 साल पुरानी बात है। इसलिए भाजपा की निगाह में प्रदीप बत्रा की खासी अहमियत है। भाजपा जानती है कि प्रदीप बत्रा साथ होंगे तो महानगर की सरकार भी उसी की होगी। हालांकि यह भी सच है कि रुड़की में भाजपा की मेयर प्रत्याशी अनीता देवी अग्रवाल को चुनावी जीत दिलाने के लिए राज्यसभा सांसद नरेश बंसल व डॉ कल्पना सैनी, लोकसभा सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत, निवर्तमान सांसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक, पूर्व कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानंद, जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी अपना नियमित योगदान दे रहे हैं। इसके अलावा शहरी विकास मंत्री डॉ प्रेम चंद्र अग्रवाल, सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज के अलावा उत्तर प्रदेश के एक मंत्री भी आकर अपना योगदान दे चुके हैं।
साथ ही कई पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष, कई पूर्व जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष, कई मंडी समिति, गन्ना समिति व गन्ना परिषद के पूर्व अध्यक्ष, कई पूर्व विधायक, कई नगर पालिका परिषद अध्यक्ष व कई नगर पालिका या नगर निगम प्रत्याशी रह चुके भाजपाई, जिला अध्यक्ष शोभाराम प्रजापति, सभी मंडल अध्यक्ष, सभी कार्यकर्ता पार्टी प्रत्याशी, हाल ही में मेयर टिकट के दावेदार रहे 38 भाजपाई पार्टी प्रत्याशी को चुनावी जीत दिला रहे हैं। इसके बावजूद भाजपा के कई लोगों का मानना है कि ये सब लोग एक तरफ हैं और अकेले प्रदीप बत्रा एक तरफ हैं। बत्रा अगर अकेले ही चाहें तो प्रत्याशी को विजयी बना सकते हैं। इसी कारण, बताया जाता है कि उन्हें कहा गया है कि अगर प्रदीप बत्रा ने पार्टी को मेयर प्रत्याशी की जीत का तोहफा दिया तो भाजपा उन्हें कैबिनेट मंत्री पद का तोहफा देगी। जाहिर है कि यूं रुड़की नगर को चुपड़ी मिलेंगी और दो-दो मिलेंगी।