पिछड़ा वर्ग के चेहरों में उत्साह का माहौल

एम हसीन

रुड़की। मेयर पद के आरक्षित होने की संभावना बढ़ने के साथ ही पिछड़ा वर्ग के दावेदारों में उत्साह बढ़ गया है। हालांकि यह अभी भी सस्पेंस बना हुआ है कि पद पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित होगा या पुरुष के लिए। भाजपा में पिछड़ा वर्ग के दावेदारों में जिलाध्यक्ष शोभाराम प्रजापति के अलावा नगर व्यापार मंडल अध्यक्ष अरविंद कश्यप, पूर्व पार्षद विवेक चौधरी, पूर्व गन्ना परिषद अध्यक्ष अशोक चौधरी, सुबोध यादव, धीर सिंह रोड के अलावा महिला रश्मि चौधरी और अशोक चौधरी की पुत्र वधु आकांक्षा चौधरी आदि दावेदार हैं। अगर सीट महिला के लिए आरक्षित होती है तो अरविंद कश्यप अपनी पत्नी के लिए टिकट मांग सकते हैं। वे अपने होर्डिंग्स पर अपनी पत्नी का फोटो साथ लगाकर चल रहे हैं। कांग्रेस में पिछड़ा वर्ग के सबसे प्रबल दावेदार महानगर अध्यक्ष राजेंद्र चौधरी एडवोकेट, पत्रकार सुभाष सैनी, जितेंद्र सैनी हैं। सबसे अहम स्थिति यह कि इन स्थितियों में निर्दलीय उम्मीदवार एडवोकेट संजीव वर्मा की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण मानी जाने लगी है।

गौरतलब है कि निकायों में पिछड़ों का आरक्षण तय करने के प्रस्ताव को गत दिवस राजभवन ने अपनी मंजूरी दे दी थी। प्रस्ताव काफी समय से राजभवन की मंजूरी के इंतेज़ार में था। प्रस्ताव के अनुसार सर्वाधिक पिछड़ा आबादी वाले तीन नगर उधम सिंह नगर और हरिद्वार जनपद में पाए गए हैं। अव्वल नंबर पर काशीपुर है और दोयम पर रुड़की। तीसरे स्थान पर हरिद्वार को पाया गया है। राजनीतिक क्षेत्रों में माना जा रहा है कि राज्य के कुल निगमों में से कम से कम दो निगम पिछड़ा आरक्षण की रेंज में आ रहे हैं। माना जा रहा है कि काशीपुर और रुड़की निगम में मेयर पद पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हो सकते हैं। इनमें एक पिछड़ा महिला और एक पिछड़ा पुरुष के लिए आरक्षित किए जाने की चर्चा व्याप्त है। इस स्थिति के सामने आने के बाद पिछड़ा वर्ग के दावेदारों में खासा उत्साह देखने में आ रहा है। केवल इतना ही नहीं। महज संभावना के आधार पर ही महानगर की चुनावी राजनीति ने आकार लेना शुरू कर दिया है। ऐसी स्थिति में कई लोगों की निगाहें एडवोकेट संजीव वर्मा की उम्मीदवारी पर टिक गई है। जैसा कि सब जानते हैं कि एडवोकेट संजीव वर्मा किसी राजनीतिक दल में टिकट के दावेदार नहीं हैं। उन्होंने अपनी उम्मीदवारी की घोषणा बतौर निर्दलीय पहले से ही की हुई है। वे सीट के सामान्य रहने की स्थिति में भी उम्मीदवार होंगे, ऐसा उनके निकट के लोगों का कहना है।