खुद भी कर रहे साइट्स पर विजिट और अधिनस्थों को भी भेज रहे जनता के बीच

एम हसीन

हरिद्वार। जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह एक अलग कार्यशैली का प्रमाण प्रस्तुत कर रहे हैं। अपने एक पखवाड़े के अल्प काल में ही उन्होंने जिला प्रशासन को मुख्यालय के साए से बाहर दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचा दिया है ताकि गरीब अवाम को न केवल सरकार की अधिकतम योजनाओं का लाभ मिल सके बल्कि अवाम को सरकार के पास न आना पड़े बल्कि सरकार अवाम तक पहुंचे। कोई बड़ी बात नहीं कि जिलाधिकारी की यह कार्यशैली प्रशासन संचालन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खासी रास आने वाली है। आखिर वे तो यही चाहते हैं कि उनके काल में जनता तक एक अलग, एक प्रभावशाली और एक रिजल्ट ओरिएंटेड कार्यशैली का संदेश पहुंचे।

आई ए एस कर्मेंद्र सिंह ने बतौर जिलाधिकारी हरिद्वार में हाल ही में प्रभार संभाला है। प्रभार संभालने के अगले ही दिन जब वे जिला कार्यालय का निरीक्षण करने पहुंचे तभी यह जाहिर हो गया था कि वे कि जिला मुख्यालय के अपने ए सी कक्ष में कैद होकर बैठने वाले अधिकारी नहीं हैं। फिर एक हर बदलते दिन वे कहीं न कहीं समस्याओं का, कार्यालयों का या प्रिस्थितियों का भौतिक निरीक्षण करते हुए दिखाई दिए।

जाहिर है कि जब वे भौतिक निरीक्षण के पश्चात कोई आदेश जारी करेंगे तो उसका अर्थ भी व्यापक होगा और उसपर कार्यवाही का बेहतर परिणाम अपेक्षित होगा। लेकिन अहम यह है कि उन्होंने अपनी सक्रियता को महज अपने तक महदूद नहीं रखा बल्कि उसे पूरे जिला प्रशासन में विस्तारित किया। मसलन, विगत दिवस उन्होंने पूरे प्रशासन जनपद की स्वास्थ्य व चिकित्सा सेवाओं का डाटा तैयार करने का जिम्मा सौंपा और इसमें उन्होंने अपने अधीनस्थ अपर जिलाधिकारियों और सिटी मजिस्ट्रेट को ही नहीं बल्कि सभी तहसीलों के एस डी एम व जिला मुख्यालय में कार्यरत पी सी एस अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों आदि का निरीक्षण करने की जिम्मेदारी सौंपी। यह अपने प्रकार की एक बिल्कुल अनूठी पहल रही। कोई बड़ी बात नहीं दूर दराज के अस्पतालों में इस कार्यवाही का असर देखने में आता रहेगा।

जिलाधिकारी अपनी यह प्राथमिकता अपने अधिनस्थों को बिल्कुल प्रारंभ में ही समझा चुके हैं कि फरियादी को किसी प्रकार की समस्या नहीं होनी चाहिए, फाइलों को बेवजह लटका कर नहीं रखा जाना चाहिए और कार्यों का निस्तारण समयबद्ध कार्यक्रम के तहत होना चाहिए।