वक्फ बोर्ड के इस “प्राइड पोजीशन” पर लगे हुए हैं गंदगी के ढेर
एम हसीन
पीरान कलियर। धार्मिक स्थलों के विकास के लिए केंद्र व राज्यों की भाजपा सरकारों के पास विस्तृत योजनाएं हैं। सरकारों ने विभिन्न धार्मिक स्थलों पर निर्माण व विकास के उल्लेखनीय काम किए हैं। ऐसा उत्तराखंड में भी हुआ है। यहां हरिद्वार के संदर्भ में बनाई गई कॉरिडोर योजना इन दिनों खूब चर्चाओं में है। सवाल यह है कि क्या ऐसी कोई योजना पीरान कलियर शरीफ के लिए नहीं बन सकती? अहमियत इस बात की है कि पीरान कलियर उत्तराखंड का सबसे बड़ा वक्फ और करोड़ों रुपए प्रतिवर्ष की से देने वाला राज्य वक्फ बोर्ड का “प्राइड पोजीशन” है। अहमियत इस बात की भी है कि बड़े बड़े उद्योगपति, व्यवसाई यहां दान देकर विकास योजनाओं को कांट्रीब्यूट करने को भी तैयार हो सकते हैं। शर्त यह है कि वक्फ बोर्ड, जो कि भाजपा सरकार का ही एक हिस्सा है, इस मामले में पहल कदमी करे।
जहां तक सवाल पीरान कलियर का है तो इस संदर्भ में यह जान लेना जरूरी है कि यहां साल में चार बड़े आयोजन होते हैं। वार्षिक उर्स, जो कि हाल ही में संपन्न हुआ है, के अलावा ज्येष्ठ माह की चार जुमेरातों (बृहस्पतिवारों) को और अजमेर दरगाह पर साल में दो बार लगने वाले उर्सों के अवसर पर यहां लाखों की संख्या में तीर्थ यात्री आते हैं। फिर हर महीने की पहली जुमेरात को यहां बड़े आयोजन होते हैं। इमाम साहब, बाबा अब्दाल शाह, बाबा गरीब शाह, बाबा जिलानी आदि अन्य सूफियों के दरगाहों पर वार्षिक उर्स होते हैं। कुल मिलाकर यहां वर्ष भर आयोजन होते रहते हैं और वर्ष भर लोग यहां आते रहते हैं। दूसरी सच्चाई यह है कि यहां पर्याप्त मात्रा में शौचालय तक नहीं हैं। सामान्य दिनों में भी यहां लोगों को मुख्य मार्ग पर ही नहर के किनारे खुले में शौच करते देखा जा सकता है। इसी का विस्तृत रूप अब दिखाई दे रहा है।
जैसा कि सब जानते हैं कि साबरी उर्स संपन्न हो गया है, अधिकांश लोग वापिस लौट गए हैं या होने वाले हैं। लेकिन उर्स के प्रभाव अभी बाकी हैं। सबसे बड़ा प्रभाव गंदगी है जो यहां चौतरफा बिखरी देखी जा सकती है। खास तौर पर उर्स क्षेत्र से गुजरने वाले रुड़की – हरिद्वार मुख्य मार्ग पर सड़क के किनारे ही लोगों को खुले में शौच करते हुए आम देखा जा सकता है। बेशक ज्वाइंट मजिस्ट्रेट की अगुआई में नगर निगम रुड़की और नगर पंचायत कलियर का अमला इस गंदगी को समेटने का भरपूर प्रयास कर रहा है, लेकिन यह भी सच है कि वह गंदगी को हटा ही तो सकता है; लोगों को गंदगी फैलाने से रोक तो नहीं सकता! अहमियत इस बात की है कि ऐसा तब हो रहा है जब देश में स्वच्छता पखवाड़ा चल रहा है।
यह भी आ जानते हैं कि वक्फ बोर्ड अध्यक्ष शादाब शम्स भाजपा सरकार का हिस्सा हैं। वे हाल तक कलियर में कैंप कर रहे थे और उन्होंने मुख्यमंत्री के जन्म दिवस (16 सितंबर) व प्रधानमंत्री के जन्म दिवस (17 सितंबर) पर दरगाह में चादरपोशी की और दोनों नेताओं के दीर्घायु होने की कामना की। यह अच्छी बात है। अब सवाल यह है कि वे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के स्वच्छता अभियान पर क्या कर रहे हैं? दूसरी बात क्या उनके पास ऐसी कोई, मसलन कॉरिडोर, योजना नहीं है जो वे सरकार से मंजूर करा सकें?