पुष्कर सिंह धामी ने हिंदी दिवस समारोह में गिनवाई हिंदी भाषा संस्थान की उपलब्धियां
संवाद सहयोगी
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि आज दुनिया के विभिन्न देशों में हिंदी का अध्ययन किया जा रहा है। हिंदी ने समाज में जागरूकता लाने में भी अहम भूमिका निभाई है। स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आज तक हिंदी सामाजिक चेतना का भी प्रमुख माध्यम रही है। स्वतंत्रता संग्राम के समय हिंदी संघर्ष की भाषा बनी और देशवासियों को एक सूत्र में बांधने में अहम भूमिका निभाई।
मुख्यमंत्री ने सर्वे चौक स्थित आई.आर.डी.टी प्रेक्षगृह में उत्तराखंड भाषा संस्थान द्वारा आयोजित हिंदी दिवस समारोह में प्रतिभाग किया। उन्होंने उत्तराखण्ड भाषा संस्थान की पुस्तक ‘‘ उत्तराखण्ड की लोक कथाएं ’’ का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने कविता लेखन, कहानी लेखन, यात्रा वृतान्त लेखन और नाटक लेखन प्रतियोगिता के प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया और बोर्ड परीक्षाओं में हिन्दी में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया।
मुख्यमंत्री ने सभी को हिंदी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए हिंदी भाषा के उत्थान और संवर्धन के लिए अहम योगदान देने वाले लोगों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हिंदी एक भाषा का उत्सव नहीं बल्कि हमारी संस्कृति के गौरव का अवसर है। हमारे राष्ट्र की आत्मा भी है। हिंदी ने हमारे समाज को जोड़ा है और हमारी सभ्यता को समृद्ध किया है। विश्व पटल पर हिंदी ने हमें विशेष स्थान दिलाया है। यह हमारी अस्मिता, संस्कृति और भारतीयता का प्रतीक भी है। हिंदी ने विविधता से भरे हमारे समाज को एक सूत्र में बांधने का प्रयास किया है। सहजता, सरलता और सामर्थ्य से परिपूर्ण हिंदी में समन्वय की अदभुत क्षमता है। हिंदी की कीर्ति केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में यह संवाद का एक प्रमुख सेतु बन चुकी है।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हिंदी के उत्थान के लिए निरंतर कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने हिंदी भाषा के संवर्धन के लिए उत्तराखंड भाषा संस्थान द्वारा किये जा रहे प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा हिंदी को वैश्विक मंच पर स्थापित करने के लिए किए जा रहे प्रयास का उल्लेख किया और कहा कि ’मन की बात’ कार्यक्रम में उनके द्वारा हिंदी का प्रयोग करने से हिंदी को वैश्विक पहचान मिली है। समारोह में भाषा मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक खजान दास, साहित्यकार एवं पूर्व कुलपति डा.सुधा रानी पांडे, दून विवि की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल, सचिव विनोद रतूड़ी, भाषा संस्थान की निदेशक श्रीमती स्वाति भदौरिया उपस्थित थे।