गढ्ढा युक्त सड़कों पर जल भराव भी पैदा कर रहा परेशानी

नागरिक ब्यूरो

रुड़की। पिछले 36 घंटे से लगातार जारी बारिश के चलते सामान्य जन जीवन अस्त व्यस्त दिखाई दे रहा है। घर से बाहर निकलने के वैसे ही हालत नहीं हैं और बाहर सड़कों पर गढ्ढों में भरा पानी समस्या को दोबाला कर रहा है। समस्या को लेकर किसी के पास कोई जवाब नहीं है। सब, खासतौर पर व्यवस्था, वक्त के गुजरने का इंतजार करते दिखाई दे रहे हैं।

रुड़की में इस बार बारिशों की भारी कमी महसूस की गई है। पिछले बरसाती मौसम के बाद बारिशें रिकॉर्ड नहीं की गई। इस बार बरसात के मौसम में अभी तक कम से कम रुड़की में कोई खास बारिश नहीं हुई है। आता हुआ मानसून कोई तसल्ली की बात साबित नहीं हुआ था। इसी प्रकार ठहरा हुआ मानसून भी कोई खास तसल्ली देने वाला साबित नहीं हुआ था। लेकिन अब लौटता हुआ मानसून थोड़ी तसल्ली देता दिखाई दे रहा है। वह भी इसलिए कि मौसम को बदलना भी है। सर्दी चाहे ज्यादा हो या कम लेकिन सर्दी का मौसम आना ही है। इसी की बुनियाद पिछले 36 घंटे से मौसम रख रहा है। लेकिन लंबे इंतजार के बाद हो रही यह बारिश समस्या को बढ़ाने वाली साबित हो रही है। कारण कई हैं। एक तो यही है कि लोग अब लगातार कई कई दिन तक होने वाली बारिश के आदी नहीं रहे।

ऐसा पहले कभी ऐसा होता था आश्विन (असौज) के महीने में बारीशें हफ्ता दस दिन तक लगातार चलती रहती थी। लेकिन ऐसा तभी तक होता था जब तक ओजोन की परत में सुराख नहीं हुआ था। वैसे भी इसका एक कारण यह था कि अब मकान कच्चे नहीं हैं। तब तो मिट्टी के मकान होते थे जिनमें कितने ही लगातार बारिश के चलते ढह जाया करते थे। यह कुदरत का निज़ाम था जो वह गरीब लोगों का इम्तेहान लिया करती थी। अब बहरहाल ऐसा नहीं होता। अब मकान पक्के हैं और समय चाहे किसी के पास न हो लेकिन रोजगार की हानि होने के कारण अब भूखा कोई नहीं मरता जैसा कि पहले हुआ करता था। लेकिन जैसाकि पहले ही बताया जा चुका है कि अब समय किसी के पास नहीं है; न ही कोई रेगुलर घर में रहने का आदि है और न ही घरों के भीतर का वातावरण अब ऐसा रह गया है कि लगातार घर के भीतर बैठा जा सके। लेकिन समस्या लोगों के सामने सड़कों पर हुआ जल भराव पैदा कर रहा है। उसमें भी कोढ़ में खाज यह है कि सड़कों में गढ्ढे बहुत हैं। चूंकि सीवर के काम में भ्रष्टाचार बहुत हुआ था इसलिए यह भी अनुमान किसी को नहीं है कि कब कहीं सड़क बैठ जाए। इन सारे कारणों के चलते मुंह माथा फुडवाने का जोखिम लिए बगैर घर से नहीं निकला जा सकता। इसी कारण सामान्य जन जीवन अस्त व्यस्त हो रहा है।