आय से अधिक संपत्ति मामले में विशेष सतर्कता आयुक्त ने कैबिनेट मंत्री के खिलाफ दी है जांच की अनुमति
संवाद सहयोगी
देहरादून। आय से अधिक संपत्ति मामले में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी के खिलाफ विशेष सतर्कता न्यायाधीश द्वारा जांच की अनुमति दे दिए जाने के बाद कांग्रेस के तेवर आक्रामक हो गए हैं। पार्टी ने मुख्यमंत्री को “भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस” की नीति याद दिलाते हुए गणेश जोशी को कैबिनेट से बर्खास्त करने की मांग की है। अदालत द्वारा निर्धारित समय सीमा के भीतर मंत्री के खिलाफ कार्यवाही न किए जाने की स्थिति में आंदोलन की चेतावनी दी गई है। इसके लिए कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राजेन्द्र शाह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।कांग्रेस द्वारा प्रेस के लिए जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि राजेंद्र शाह द्वारा कृषि मंत्री गणेश जोशी के खिलाफ विशेष न्यायाधीश सतर्कता द्वारा मुकदमा चलाये जाने की अनुमति दिये जाने के निर्देश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कृषि मंत्री गणेश जोशी को मंत्री परिषद से बर्खास्त किये जाने की मांग की है।
जारी विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को लिखे पत्र में प्रदेश महामंत्री राजेन्द्र शाह ने कहा कि उनके नेतृत्व मे उत्तराखण्ड राज्य भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलिरेंस के मामले में राज्य सरकार अग्रसर है परन्तु उन्हीं की ही मंत्री परिषद के वरिष्ठ मंत्री गणेश जोशी पर आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने के मामले के खुलासे से सरकार के भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस मामले में आम जनता आशंका व्यक्त करने लगी है। राजेन्द्र शाह ने कहा कि जिस प्रकार से विशेष न्यायाधीश सतर्कता द्वारा कृषि मंत्री पर मुकदमा चलाने की अनुमति दिये जाने के निर्देश दिये गये हैं वह गम्भीर विषय है। जहां एक ओर उत्तराखंड का नौजवान रोजगार के लिए सड़कों पर मारा-मारा फिर रहा है तथा पूरे दिन कडी धूप में मेहनत करने वाला मजदूर वर्ग दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष कर रहा है, ऐसे में कृषि मंत्री गणेश जोशी पर लगे आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने के आरोप काफी गम्भीर हैं तथा उन्हें नैतिकता के आधार पर जांच पूरी होने तक अपने पद से त्यागपत्र देना चाहिए।
उत्तराखण्ड राज्य की जनता को आपसे अपेक्षा है कि यदि गणेश जोशी त्यागपत्र नहीं देते हैं तो आप इस मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए कृषि मंत्री गणेश जोशी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर एक नजीर पेश करेंगे। राजेन्द्र शाह ने कहा कि न्यायालय द्वारा दिये गये तय समय पर यदि कृषि मंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सरकार के खिलाफ आन्दोलन को मजबूर होना पड़ेगा।