आई आई टी के श्रिक पर लगा है हैकर्स का ताला

संवाद सहयोगी, रुड़की। हैकर्स द्वारा आई आई टी का सर्वर हैक कर लिए जाने को लेकर आई आई टी प्रशासन द्वारा बरती जा रही खामोशी आश्चर्य पैदा कर रही है। चर्चा व्याप्त है कि हैकर्स ने न केवल संस्थान के सर्वर को हैक कर लिया है बल्कि उसे वित्त पर अपना ताला भी लगा दिया जिसे संस्थान के तकनीशियन लाख कोशिशों के बावजूद खोल नहीं पा रहे हैं। हालांकि अकाउंट्स के अपने डाटा को बैकअप डाटा रिकॉल कर लिया है ऐसी चर्चा है। इस मामले में सबसे मजेदार बात यह है कि आई आई टी में साइबर सुरक्षा बकायदा एक विषय के रूप में पढ़ाया जाता है। ऐसे में पूरे घटनाक्रम को लेकर तमाम प्रकार की चर्चाएं व्याप्त हैं और संस्थान का पक्ष जानने के लिए, वास्तविक स्थिति जानने के लिए लोग मीडिया कर्मियों से संपर्क कर रहे हैं। खासतौर पर वे लोग परेशान हैं जो प्रोजेक्ट्स से जुड़े हैं और जिनके भुगतान आदि होने हैं या कोई और काम हैकिंग के कारण रुक रहे हैं।

नगर में चर्चा व्याप्त है कि पिछले दिनों अज्ञात हैकर्स ने आई आई टी रुड़की के सर्वर को हैक कर लिया। चर्चा यह भी है की हैकर्स ने आई आई टी प्रशासन से मोटी फिरौती की मांग की है; हालांकि फिरौती अदा किए जाने की कोई चर्चा सुनने में नहीं आई है। न ही साइबर पुलिस ने ऐसे किसी अपराध की सूचना प्राप्त होने की पुष्टि की है। इस बीच अनाधिकृत सूत्रों का कहना है कि आई आई टी के टेक्नीशियन सर्वर पर अपना नियंत्रण करने के लिए दिन रात प्रयास कर रहे हैं। जिस कंपनी ने संस्थान का सर्वर विकसित किया है वह भी हैकर्स का कोड ब्रेक करने की कोशिश कर रही है। बताया गया है कि कई मामलों में वे हैकर्स के कोड को ब्रेक करने में कामयाब भी हुए हैं लेकिन अकाउंट्स पर लगा हैकर्स का ताला वे नहीं खोल पाए हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि आई आई टी न केवल अपने या निजी क्षेत्र के प्रोजेक्ट्स पर काम करती है बल्कि वह भारत व विभिन्न राज्य सरकारों के प्रोजेट्स से भी जुड़ी हुई है। ऐसे तमाम प्रोजेट्स का डाटा और रिसर्च आदि सभी सर्वर मौजूद हैं। ऐसा भी तमाम डाटा है जिसका बैकअप तक नहीं भेजा गया है। यही कारण है कि ने केवल संस्थान में चिंता का माहौल है बल्कि प्रबुद्ध समाज में भी इसे हैरत से देखा जा रहा है। सबसे बड़ी हैरत इस बात को लेकर जताई जा रही है कि आई आई टी प्रशासन इस की सच्चाई पर कोई ब्यान जारी नहीं कर रहा है।