भगवानपुर के ये सामाजिक राजनीतिक नेता अकेले ही दिख रहे इस मुहिम में
एम हसीन
रुड़की। पूर्व राज्य मंत्री वीरेंद्र सैनी का “एक पेड़ मां के नाम” आयोजन के प्रति पूर्ण समर्पण देखने में आ रहा है। हालांकि उनके दृष्टिकोण से यह दो कारणों से कुछ आश्चर्यजनक नहीं है। एक, वे उस समिति के सदस्य हैं जिसे रुड़की में इस आयोजन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस तीन सदस्यीय समिति की प्रमुख राज्य की कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या हैं। वीरेंद्र सैनी की इस सक्रियता में कोई ताज्जुब की बात न होने का दूसरा कारण यह है कि वे तो भाजपा को हैं ही इतना ही समर्पित। पार्टी का ऐसा कोई आयोजन नहीं जिसे उन्होंने मिशन के रूप में न लिया हो।
भाजपा देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है और वह केंद्र व राज्य में सत्तारूढ़ भी है। पार्टी का दृष्टिकोण विभिन्न प्रकार की समस्याओं का समाधान राजनीतिक व प्रशासनिक रूप से ही नहीं बल्कि सामाजिक रूप से निकालने का भी रहता है। मसलन, जलवायु परिवर्तन वर्तमान दौर की सबसे ज्वलंत समस्या के रूप में सामने आया है। इससे लड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वृक्षारोपण को आंदोलन के रूप में लेने का आह्वान किया। इसी बीच राज्य का सांस्कृतिक पर्व हरेला भी आया जो है ही वृक्षारोपण को समर्पित। स्वाभाविक रूप से मुख्यमंत्री ने भी इसे एक लक्ष्य के रूप में स्वीकार किया। इसके लिए समिति भी बनाई गई जो 14 अगस्त तक नियमित रूप से वृक्षारोपण करेगी। लेकिन यह भी देखने में आ रहा है कि खुद भाजपा कार्यकर्ताओं और अन्य संगठनों ने जहां इसे औपचारिक रूप से लिया, एक दिन फोटो खिंचवाने के लिए वृक्षारोपण किया वहीं वीरेंद्र सैनी इसे उसी रूप में लेकर चल रहे हैं जिसके लिए आह्वान है और जो आज की आवश्यकता भी है। वे 16 जुलाई के बाद से ही लगातार गांव देहात और नगरों कस्बों के परिसरों में पहुंच रहे हैं और लगातार वृक्षारोपण कर रहे हैं। वे लोगों को वृक्षारोपण के प्रति जागरूक भी कर रहे हैं और उन्हें इसके प्रति प्रेरित भी कर रहे हैं।
ध्यान रहे कि वीरेंद्र सैनी गांव देहात के सामाजिक राजनीतिक समाज से आते हैं और खेती किसानी उनके खून में है। वे बिना फूं फाँ वाले राजनीतिज्ञ हैं जो कई चुनाव जीत चुके हैं लेकिन अब भी जमीन से जुड़े हुए हैं। उनके जीवन की शुरुआत सोलानी पर इस पुल के निर्माण के संघर्ष से हुई थी जो आज भगवानपुर को हरिद्वार से जोड़ता है। वे पुल के निर्माण तक संघर्षरत रहे थे। यही कारण है लक्ष्य के प्रति पूर्ण निष्ठा उनकी आदत बन गई है। वैसे पूरी सैनी बिरादरी ही भाजपा के प्रति निष्ठावान है लेकिन वीरेंद्र सैनी की निष्ठा का जुगराफिया अलग है। वे पार्टी के लिए पूर्णत: समर्पित भी हैं। राज्य मंत्री रह चुका होने के बावजूद वे आरोपों, बदनामियों से अपने आप को बचाए हुए हैं। और अब वृक्षारोपण को समर्पित हैं।