जिले के अकेले ऐसे विधायक हैं जिन्हें कई सीटों पर चुनाव लड़ा रहे लोग
एम हसीन
रुड़की। लक्सर विधायक हाजी शहजाद एक बार फिर सियासी कयास आराइयों के बीच आ गए हैं। वे खुद लक्सर में अपनी राजनीतिक जमीन को और अधिक मजबूत करने में जुटे हुए हैं जबकि लोग उन्हें कलियर से लेकर मंगलौर और खानपुर तक में चुनाव लड़ाने के अंदाजे बयान कर रहे हैं। केवल इतना ही नहीं। कितने ही लोगों का यह अनुमान है कि इस बार वे खुद लक्सर में चुनाव लड़ेंगे और अपने किसी परिजन को कलियर या किसी और सीट पर चुनाव लड़ाएंगे। भले ही इन सारी चर्चाओं की बुनियाद केवल अंदाजे हों लेकिन इन्हें कतई आधारहीन करार देने की हिम्मत किसी पर्यवेक्षक की नहीं हो रही है। उनकी भी नहीं जो हाजी शहजाद को करीब से जानते हैं और उन्हें समझने का दावा भी करते हैं। कारण यह है कि ये सब बेवजह नहीं है और इसकी ठोस वजह है। ठोस वजह यह है कि जिले में हरिद्वार नगर सीट को छोड़कर हाजी शहजाद का बाकी सभी सीटों पर थोड़ी कमीबेशी के साथ सामान जनाधार है। वे जिले के अकेले ऐसे विधायक हैं जो अपने 25 साल के राजनीतिक करियर में 2022 में तीसरी सीट पर तीसरी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। इससे पहले वे दो बार बहादराबाद में विधायक रह चुके हैं और दो बार ही कलियर सीट पर बेहद मजबूत चुनाव लड़ चुके हैं।
जिले का सबसे प्रभावशाली विधायक हरिद्वार विधायक मदन कौशिक को माना जाता रहा है क्योंकि वे 2022 के विधानसभा चुनाव तक लगातार 5 विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। लेकिन यह भी सच है कि उन्होंने कभी सीट नहीं बदली। दूसरा सच यह है कि 2008 के परिसीमन में उन्होंने अतिरिक्त सावधानी बरतते हुए अपनी हरिद्वार सीट को अपने लिए और अधिक मजबूत करा लिया था। दूसरे विधायक हाजी फुरकान हैं जो दो सीटों पर चुनाव लड़ने का रिकॉर्ड रखते हैं। पहला चुनाव 2007 में वे रुड़की में लड़े थे। हालांकि वे चुनाव हार गए थे लेकिन उनके प्रदर्शन को देखते हुए उनके गृह ग्राम रामपुर को रुड़की से अलग कर कलियर सीट बना दी गई थी और वे इसी सीट पर तीसरी बार विधायक बने हैं। दो बार लंढौरा विधायक रहने के बाद हरिदास भी झबरेड़ा में शिफ्ट हुए थे। वे यहां 2012 में जीते भी थे लेकिन दो बार इकबालपुर विधायक रहने के बाद 2017 में खानपुर शिफ्ट हुए चौधरी यशवीर सिंह इतना खुशकिस्मत साबित नहीं हुए थे। 2008 में परिसीमन के बाद लक्सर से खानपुर शिफ्ट हुए प्रणव सिंह चैंपियन भी दो बार विधायक निर्वाचित हुए थे। बहरहाल, तब उनका निर्वाचन क्षेत्र व्यापक रूप से नहीं बल्कि आंशिक रूप से बदला था।
इसके विपरीत स्थिति हाजी शहजाद की है। जिस लक्सर क्षेत्र के फिलहाल वे विधायक हैं उससे उनके सरोकार पहले बहुत अधिक नहीं थे। यह भी अहम है कि लक्सर या बहादराबाद या कलियर उनका गृह क्षेत्र कभी नहीं रहे। उनका गृह क्षेत्र मंगलौर है जहां वे अभी तक एक बार भी चुनाव नहीं लड़े हैं। बहरहाल, हाजी शहजाद हर सीट पर हर चुनाव में अपना जनाधार प्रदर्शित करते रहे हैं इसलिए लोग उन्हें लेकर अलग-अलग नजरिया पेश करते रहते हैं। चुनाव से पहले ऐसा खासतौर पर होता रहा है।