विधायक ममता राजेश से लेकर एडवोकेट संजीव वर्मा तक ने जताई आशंका, दी आत्महत्या की चेतावनी
एम हसीन
रुड़की। मतगणना के दौरान किसी प्रकार की धांधली को लेकर इतनी आशंका क्यों व्यक्त की जा रही है कि कतिपय लोग एक्सट्रीम स्टेप लेने तक की घोषणा कर रहे हैं। भगवानपुर विधायक ममता राकेश और एडवोकेट संजीव वर्मा ने घोषणा की है कि अगर मतगणना में धांधली हुई तो वे आत्महत्या कर लेंगे। संजीव वर्मा ने यह सवाल भी उठाया है कि ऐसे हालात में अगर उनकी मौत होती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा? बहरहाल, यह अलग मसला है। सवाल लोगों की आशंका का है और आशंका बेवजह नहीं है। वजह यह है कि मतदान की प्रक्रिया को विपक्षी राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों ने ठीक नहीं माना। जनता ने भी माना कि प्रक्रिया उस तरह से पूरी नहीं की गई जैसे पहले की जाती थी।
जैसा कि सब जानते हैं कि निकाय चुनाव को लेकर मतदान की प्रक्रिया 23 जनवरी को संपन्न हुई थी। विपक्ष से जुड़े राजनीतिक दल और प्रत्याशी दिन भर यह आरोप लगाते रहे थे कि प्रक्रिया बेहद धीमी गति से चल रही है। मंगलौर विधायक क़ाज़ी निज़ामुद्दीन ने धीमी मतदान प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए उसे लोकतंत्र की हत्या के समान बताया। हरिद्वार में मतदाताओं ने विधायक मदन कौशिक मुर्दाबाद के नारे लगाए। लक्सर और शिवालिकनगर क्षेत्रों में प्रत्याशियों द्वारा शिकायत किए जाने पर उनके साथ अभद्रता की गई। रुड़की में मेयर प्रत्याशी पति और पूर्व मेयर यशपाल राणा के साथ धक्का-मुक्की की गई और मतदाताओं पर लाठियां फटकारी गई। भगवानपुर में भी यही हुआ।जाहिर है कि लोगों को सरकार की नीयत पर भरोसा नहीं रहा है। और यह स्थिति बेवजह नहीं है। वजह यह है कि भाजपा के लिए हरिद्वार जिले में संभावना न के बराबर है। इतिहास गवाह है कि पिछली बार भाजपा ने जिले को दोनों नगर निगम, हरिद्वार और रुड़की, में से एक में भी जीत हासिल नहीं की थी। तीन में से दो नगर पालिकाएं, शिवालिकनगर और लक्सर, उसने जीती थी लेकिन मंगलौर में उसके लिए कोई स्पेस नहीं बना था। नगर पंचायतों में झबरेड़ा और भगवानपुर उसके खाते में गई थी लेकिन लंढौरा और कलियर में उसे हार का सामना करना पड़ा था।
इस बार उपरोक्त निकायों के अलावा सुल्तानपुर, ढंढेरा, रामपुर, पाडली और इमलीखेड़ा के रूप में 5 नई नगर पंचायत पर भी चुनाव हो रहा है और क्षेत्र का डेमोग्राफ ऐसा है की पार्टी इन पांच में केवल एक, इमलीखेड़ा, पर ही जीत की उम्मीद कर सकती है। दूसरी ओर हालात का इशारा यह है कि इस बार पार्टी अपनी झबरेड़ा नगर पंचायत और लक्सर नगर पालिका भी गंवा सकती है। दूसरी ओर जिस प्रकार की राजनीति पार्टी के भीतर हो रही है, उसके मद्देनजर पार्टी का ही एक शक्तिशाली धडा अपने शिवालिकनगर नगर पालिका अध्यक्ष प्रत्याशी को हराने में जुटा है तो दूसरा धड़ा हरिद्वार में मेयर का चुनाव लड़ रहे पार्टी प्रत्याशी को हराने की कोशिशों में जुटा बताया जाता है। कमोबेश यही स्थिति रुड़की में है जहां खुद पार्टी अपने मेयर प्रत्याशी को हराने में लगी हुई है। ऐसे में विपक्ष का मानना है कि चुनावी मुहिम भाजपा पार्टी के रूप में पीछे हो गई है और सरकार आगे आ गई है। जाहिर है कि सरकार का काम तो प्रशासन ही करता है। विपक्ष का मानना है कि मतदान प्रक्रिया के दौरान प्रशासन ने जो कुछ किया, सरकार के इशारे पर किया और अब सरकार के इशारे पर ही मतगणना में गड़बड़ी हो सकती है। इसी आशंका से ग्रस्त तमाम विपक्षी प्रत्याशी और जन-प्रतिनिधि आत्मदाह तक की चेतावनी दे रहे हैं।