पार्टी के प्रति उनकी कमाल की प्रतिबद्धता

नागरिक ब्यूरो

मंगलौर। उप चुनाव में भाजपा प्रत्याशी करतार सिंह भड़ाना के साथ जिस भाजपा कार्यकर्ता की उपस्थिति व्यापक रूप से नजर आई वे हैं वीरेंद्र सैनी। उन्होंने क्षेत्र के सैनी बहुल गांवों में ही नहीं बल्कि तमाम सभाओं में अपनी हाजरी दर्ज कराई। कोई एक आदमी पार्टी के प्रति इतना प्रतिबद्ध भी हो सकता है, जब मैं पूर्व राज्य मंत्री वीरेंद्र सैनी को देखता हूं तो मुझे आश्चर्य होता है। वीरेंद्र सैनी यूं तो अखिल भारतीय सैनी सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं लेकिन वे उत्तराखंड राज्य के पूर्व दर्जा धारी मंत्री भी हैं। वे रुड़की ग्रामीण क्षेत्र में आने वाली भगवानपुर, कलियर, झबरेड़ा, मंगलौर, खानपुर सीटों के लोकप्रिय नेता भी हैं। वे कई बार जिला पंचायत के सदस्य रह चुके हैं। वे तब जिला पंचायत के निर्दलीय जिला पंचायत सदस्य चुने जाते थे जब जिला पंचायत सदस्य का निर्वाचन क्षेत्र आज के विधानसभा क्षेत्र के बराबर होता था। ये वीरेंद्र सैनी भाजपा की राजनीति करते हैं और आश्चर्य इस बात का है कि बिना खुद प्रत्याशी बने वे तभी से चुनाव लड़ रहे हैं जब से लोकसभा चुनाव की शुरुआत हुई थी।

ध्यान रहे कि लोकसभा चुनाव का बिगुल पिछले मार्च के महीने में बजा था। तब भाजपा ने हरिद्वार सीट पर त्रिवेंद्र सिंह रावत की उम्मीदवारी तय की थी और पार्टी कार्यकर्ता के रूप में वीरेंद्र सैनी को भगवानपुर क्षेत्र में चुनाव प्रचार में लगाया गया था। लेकिन चूंकि उनकी बिरादरी का वोट समूची हरिद्वार जिले में है, इसलिए वे न केवल भगवानपुर में अपनी जिम्मेदारी पूरी करते रहे बल्कि जिले की लगभग हर सीट पर अपने प्रभाव क्षेत्र में जाकर उन्होंने पार्टी के लिए काम किया। 19 अप्रैल को हरिद्वार में मतदान हो जाने के बाद वीरेंद्र सैनी उन क्षेत्रों में चले गए जहां चुनाव चल रहा था। यूं उत्तर प्रदेश की विभिन्न सीटों से होते हुए वे हरियाणा पहुंचे जहां उनकी बिरादरी का मत प्रभावी संख्या में है और जहां पार्टी ने उनका अधिकतम उपयोग किया। हरियाणा में उन्होंने कई सजाएं वहां के अपने सजातीय मुख्यमंत्री के साथ भी संबोधित की।

फिर जब मंगलौर सीट पर उप चुनाव घोषित हो गया तो वे पार्टी प्रत्याशी करतार सिंह भड़ाना की मदद के लिए यहां आ गए। चुनाव प्रचार शुरू होने के बाद और समाप्त होने तक उन्होंने करतार सिंह भड़ाना के साथ दर्जनों सभाओं में हिस्सा लिया; अपने प्रभाव क्षेत्र के विभिन्न गांवों में व्यक्तिगत रूप से भी जन संपर्क किया और बड़े पदाधिकारियों के साथ विभिन्न रणनीतिक बैठकों में भी उनकी उपस्थिति रही। ताज्जुब है कि वीरेंद्र सैनी की पार्टी के प्रति इतनी प्रतिबद्धता है और उनके भीतर इतनी ऊर्जा है।