चुनाव प्रक्रिया के बीच पैदा हुए हालात को लेकर उठ रहा सवाल

एम हसीन

मंगलौर। नगर पालिका चुनाव को लेकर हाल तक बेहद सुरक्षित नजर आ रही कांग्रेस अब चौधरी इस्लाम को लेकर अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की स्थिति में नहीं रही है। स्थानीय पार्टी विधायक क़ाज़ी निज़ामुद्दीन हालांकि चुनाव तो किसी न किसी को लड़ाएंगे ही; लेकिन यह तय हो गया है कि अगर चुनाव फिलहाल ही होता है तो अब पार्टी का चेहरा चौधरी इस्लाम नहीं होंगे और पार्टी का कोई प्रत्याशी हाथ के पंजे पर चुनाव नहीं लड़ पाएगा।

2013-18 के बीच स्थानीय नगर पालिका के अध्यक्ष रहे चौधरी इस्लाम 2008 और 2018 में भी चुनाव लड़े थे। अब अगर उनका नामांकन निरस्त न होता तो चौथे चुनाव में उनकी शिरकत होती। यह भी कमाल है कि इस बार चौधरी इस्लाम के नाम पर मंगलौर के अवाम का बड़ा तबका एकमत दिखाई दे रहा था। इस बार उनके नाम की आवाज नीचे से आ रही थी। शायद इसका एक कारण यह भी है कि वे घातक रोग से पीड़ित हैं और लंबे इलाज के बाद ही वे पिछले महीनों में सक्रिय दिखाई दिए थे और उनसे लोगों की सिंपैथी बनी दिखाई दे रही है। बहरहाल, कम से कम फिलहाल ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है कि उनकी चुनाव में शिरकत होगी। साथ ही, चूंकि नामांकन का समय बीत चुका है इसलिए अब यह भी संभव नहीं है कि पार्टी किसी और को अपना चुनाव चिह्न आवंटित कर उसे चुनाव लड़ा सके। अलबत्ता ऐसा होना स्वाभाविक होगा कि स्थानीय कांग्रेस विधायक क़ाज़ी निज़ामुद्दीन किसी निर्दलीय प्रत्याशी को अपना समर्थन देकर उसे चुनाव लड़ाएं। वह निर्दलीय कौन हो सकता है यह अभी कयास में नहीं है।