बरसों से बने हैं नगर में भगवा दल का चेहरा

एम हसीन

मंगलौर। मंगलौर नगर पालिका क्षेत्र की स्थिति यह है कि समीकरण को सही ढंग से जमीन पर उतार दिया जाए तो भाजपा यहां विजेता भी हो सकती है।खास तौर पर हाजी सरवत करीम अंसारी के जन्नत नशीन होने के बाद यहां गुंजाइश भी है और जरूरत भी। इस जरूरत को भाजपा का स्थानीय चेहरा जमीर हसन अंसारी समझ भी रहे हैं और जमीन पर उतारने की कोशिश भी कर रहे हैं। सवाल यह है कि क्या भाजपा उनकी कोशिशों को संरक्षण देगी? साफ शब्दों में, क्या उन्हें नगर पालिका अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ाया जाएगा और क्षेत्र की जरूरत के हिसाब से लड़ाया जाएगा? फिलहाल तक की रिपोर्ट यह बताती है कि दावेदारों के पैनल में जमीर हसन अंसारी का नाम सबसे ऊपर है और फैसला पार्टी हाई कमान को करना है।

45 हजार के करीब मतों वाली इस नगर पालिका में हिन्दू मतों की संख्या महज 5 हजार के करीब है। उन्हें भी भाजपा या भाजपा का प्रत्याशी कभी मुकम्मल तौर पर नहीं लुभा पाया। यहां कभी ऐसे हालात बने ही नहीं कि हिन्दू मतदाता स्थानीय मुख्य धारा की राजनीति से बाहर जाए। मुख्यधारा की बात यह है कि अभी तक यहां कांग्रेस-बसपा मुख्यधारा की पार्टियां रही हैं। पिछले विधानसभा उप-चुनाव में भाजपा प्रत्याशी करतार सिंह भड़ाना ने बेहद शानदार चुनाव लड़ा था। उन्होंने नगर क्षेत्र में भाजपा के समर्थन को बढ़ाया भी था। पार्टी की जरूरत को देखें तो इस जनाधार को और बढ़ाए जाने की जरूरत है। इसके लिए मौजूदा निकाय चुनाव बेहतरीन मौका है; खासतौर पर इसलिए कि अगले 2 साल में राज्य विधानसभा का सामान्य चुनाव भी होना है।

इसके लिए जमीर हसन अंसारी अपने तौर पर पूरी कोशिश कर रहे हैं। जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि वे सत्तारूढ़ दल का मंगलौर नगर में चेहरा हैं और केंद्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित की जाने वाली तमाम योजनाओं का अधिकतम लाभ अपने नगरवासियों को दिलाने के लिए उन्होंने अतीत में खासी मेहनत की है। अभी भी इन्हीं योजनाओं को यहां पार्टी की मजबूत बुनियाद बनाने का प्रयास वे कर रहे हैं। पार्टी के रूप में जिस प्रकार की राजनीति भाजपा राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर करती आई है, उसे देखते हुए यहां पार्टी का आधार अगर बन सकता है तो सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का अधिकतम लाभ लोग लोगों तक पहुंचाने से ही बन सकता है। इसी काम को जमीर हसन अंसारी ने किया है। फिर उन्होंने यहां पार्टी की बैठकों पार्टी के कार्यक्रमों आदि में भी अपनी भरपूर सक्रियता प्रकट की है। फिलहाल तक उन्हें इसका लाभ यह मिला है कि नगर पालिका अध्यक्ष पद के दावेदारों के पैनल में उनका नाम सबसे ऊपर है। लेकिन न तो जमीर हसन अंसारी की मेहनत के हिसाब से और न ही क्षेत्र की जरूरत के हिसाब से इतना काफी है। जरूरत यह है कि न केवल उन्हें चुनाव लड़ाया जाए, बल्कि पूरी मजबूती के साथ चुनाव लड़ाया जाए।