पिछले पंचायत चुनाव में साबित कर चुके हैं अपना रणनीतिक कौशल

एम हसीन

हरिद्वार। भाजपा ने लगता है कि हरिद्वार संसदीय क्षेत्र के चारों नगर निगमों को जीतने का लक्ष्य निर्धारित कर लिया है। कम से कम हरिद्वार जिले के दो निगमों, तीन नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में अपना प्रभाव साबित करने का तो उसने लक्ष्य तय कर ही लिया लगता है। साफ कहें तो कलियर जैसी नगर पंचायत और मंगलौर जैसी नगर पालिका में भी अपनी मर्जी का अध्यक्ष चुनवाने की तैयारी कर ली गई है। कोई बड़ी बात नहीं कि प्रत्याशी क्षेत्र की जरूरत के अनुरूप ही हों यानी जैसा क्षेत्र का परिवेश हो वैसा ही प्रत्याशी दिया जाए। पूर्व सांसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक जिस तरीके से एकाएक हरिद्वार में सक्रिय हुए हैं और जिस प्रकार पार्टी ने निकायों के प्रभारी नियुक्त किए हैं उससे यही इशारा मिलता है।

बात को यूं समझा जाए कि डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने विगत दिवस कई ऐसे ठिकानों पर दस्तक दी जहां उनकी विजिट लंबे समय से दर्ज नहीं की गई थी। उन्होंने हरिद्वार जिले के लोगों के साथ अपनी निकटता को फेसबुक पर शेयर भी किया।
यह ऐन उस समय हुआ जब भाजपा ने निकाय चुनाव के लिए अपने प्रभारियों की सूची जारी की। यही सूची इस बात का इशारा दे रही है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यह तय कर चुके हैं कि उन्हें कम से कम हरिद्वार जिले में स्थानीय राजनीति के दबाव में नहीं आना है। कोई बड़ी बात नहीं कि अगर यह अनुमान सही है तो भाजपा निकाय चुनाव को ठीक वैसे लड़े जैसे हाल का लोकसभा चुनाव लड़ा गया था। या फिर वैसे जैसे 2021 में पंचायत चुनाव लड़ा गया था।

ध्यान रहे कि पंचायत चुनाव की कमान मुख्यमंत्री ने उस समय के हरिद्वार सांसद डॉ निशंक को सौंपी थी और सांसद ने न केवल जिला पंचायत बल्कि सभी छ: क्षेत्र पंचायत जीतकर सरकार को दिए थे। 2021 में ग्रामीण क्षेत्रों में यह उपलब्धि हासिल कर चुके डॉ निशंक के लिए निकाय चुनाव का लक्ष्य बड़ा नहीं माना जा सकता क्योंकि निकाय चुनाव तो नगरीय क्षेत्रों में होना है जहां भाजपा का व्यापक आधार तब भी रहा है जब देश में कांग्रेस की तूती बोलती थी। फिलहाल भी विधानसभा की जिन तीन सीटों पर भाजपा का कब्जा है वे तीनों ही नगरीय क्षेत्र से आती हैं।लेकिन 2018 में हुए पूरे राज्य के निकाय चुनाव के दौरान और 2019 में हुए रुड़की निकाय चुनाव के दौरान यहां भाजपा को झटका लगा था। तब अपने प्रभाव वाली रानीपुर सीट के अंतर्गत आने वाली शिवालिक नगर नगर पालिका का अध्यक्ष पद तो भाजपा ने जीत लिया था लेकिन हरिद्वार और रुड़की नगर निगम में उसके मेयर हार गए थे। तब लक्सर नगर पालिका अध्यक्ष पद जी पार्टी जीतने में सफल रही थी। लेकिन मंगलौर नगर पालिका में उसका कोई प्रभाव दिख नहीं दिया था। नगर पंचायत में भगवानपुर और झबरेड़ा उसके खाते में दर्ज की गई थी लेकिन कलियर और लंढौरा में उसे मत खानी पड़ी थी। अब उपरोक्त के अलावा रामपुर, पाडली, इमली खेड़ा, ढंडेरा और सुलतानपुर कुन्हारी नगर पंचायत पर भी चुनाव होगा। नगर पंचायत में खासतौर होगा मुस्लिम प्रभाव साफ दिखाई देगा और नगर निगमों के अलावा यहीं बीजेपी की असली अग्नि परीक्षा होगी। पार्टी क्षेत्र में माना जा रहा है कि अगर निकाय चुनाव की अगुवाई डॉ निशंक ने की तो स्थिति खासी दिलचस्प रहने वाली है।